जवाहर कला केन्द्र:हर घर तिरंगा कार्यक्रम में बही देश भक्ति की बयार

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Jawahar Kala Kendra: Patriotism blew in every home tricolor program
Jawahar Kala Kendra: Patriotism blew in every home tricolor program

जयपुर। स्वतंत्रता दिवस के पूर्व दिवस पर जवाहर कला केन्द्र देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया। तिरंगे की रोशनी में जगमगाते केंद्र में गुरुवार को हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं व कला प्रेमियों ने हिस्सा लिया।

पोस्टर व रंगोली ने मन मोहा

गुरुवार सुबह से ही केन्द्र गुलजार हो उठा। परिसर में पोस्टर और रंगोली मेकिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 10 कॉलेजों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। सभी का उत्साह देखते ही बनता था। बच्चों ने रंगोली के जरिए देशभक्ति की भावना, वीरों के बलिदान को जाहिर किया, वहीं पोस्टर में राष्ट्र प्रेम जागृत करने वाली कलाकृतियों को उकेरा। केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा, वरिष्ठ लेखाधिकारी बिंदु भोभरिया व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने विजिट कर सभी प्रतिभागियों की कलाकृतियों का निरीक्षण किया।

देश के प्रति बच्चों के भाव को देखकर वह काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने बच्चों की हौसला अफजाई की। सभी बच्चों ने तिरंगा फहराकर हर घर तिरंगा की भावना को साकार किया। सेल्फी पॉइन्ट पर तिरंगे के साथ फोटो खींचकर बच्चों ने अपनी खुशी जाहिर की। बच्चों ने मनमोहक रंगोली में राष्ट्रीय पक्षी मोर, भारत माता, स्वतंत्रता सेनानियों, लहराते तिरंगे, अशोक स्तंभ आदि को आकार दिया।

वहीं बच्चों ने 60 से अधिक पोस्टर में अपने भावों को उकेरा। इनमें देश के वीर जवानों, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नमन करने के साथ, सांप्रदायिक सौहार्द, बेटी और धरती बचाने, हर घर तिरंगा हर दिल तिरंगा, तिरंगा हमारी शान है भारत की पहचान है व क्लीन इंडिया का संदेश दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर को भी दर्शाते हुए मैं नहीं मेरा देश की भावना को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया गया।

गीतों में भारत का यशोगान

शाम होते होते जेकेके तिरंगे की रोशनी में नहा उठा। रंगायन परिसर से बाहर मनमोहक रंगोलियां श्रोताओं का स्वागत करती दिखी। यहां सिंदूर-देशभक्ति गीत संध्या में मधुर गीतों ने सभी को जोश से भर दिया। डॉ. अंशु वर्मा, सहायक आचार्य, राजस्थान विश्वविद्यालय के निर्देशन में तैयार यह प्रस्तुति गायन, वादन और नृत्य का सुंदर समावेश रही।

‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ स्वतंत्रता सेनानियों के दिली जज्बातों को जाहिर करने वाले गीत के साथ प्रस्तुति की शुरुआत हुई। ‘जिंदगी मौत ना बन जाए यारो’ गीत के बाद ‘वंदे मातरम्’ गायन से मां भारती के मनोरम स्वरूप का बखान किया गया। ‘देश रंगीला’ गीत पर नृत्य के साथ भारत के गौरव का वर्णन हुआ।

‘तू वतन हमारा है, हमें जान से प्यारा है’ गीत ने श्रोताओं को देश प्रेम के भावों से भर दिया। ‘ये देश है वीर जवानों का’ गीत ने माहौल में जोश का संचार किया, जिस पर श्रोता झूमते नजर आए। ‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तां हमारा’ गीत के साथ इस भाव भरी प्रस्तुति का समापन हुआ।

गायक मंडली में लक्ष्मी राणा, गरिमा वर्मा, नेहा पाठक, चेतना बुनकर, मूमल, नूपुर मिश्रा, फाल्गुनी शर्मा, आकांक्षा राव, वर्षा राव, वैदिका सैनी, काजल सैन, वैभव पाटनेचा, अतुल बारेठ, मोहित वर्मा, क्रतिने शर्मा, लक्ष्य कुमार, अमित वैष्णव, देव चुघ, ईशान बालोदिया, खुश बालोदिया, ऋषभ मित्तल और मनीष राणा शामिल रहे। वाद्य संगतकारों में रविंद्र सिंह (हारमोनियम), फ़तेह वारसी (तबला), आध्यात्म जगधारी (सीन्थेसाइज़र), मनभावन डांगी (वायलिन), रिशु (गिटार), शाहिद खान (सितार), दीपक (ओक्टोपैड), गुलज़ार हुसैन (वायलिन) और मोहित भाट (ढोलक) ने प्रस्तुति दी, जबकि मंच संचालन का दायित्व सौम्या पाण्डेय ने निभाया।

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