जयपुर। जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय के द्वारा जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के जमवारामगढ़ में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं आमजन के स्वास्थ के लिये आधुनिक आयुर्वेद चिकित्सालय भवन की नींव रखी गई है। बेसमेंट एवं ग्राउंड फ्लोर के साथ तीन मंजिला भवन 5 करोड़ रुपये की लागत से एक वर्ष में बनकर तैयार होगा।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने नए आयुर्वेद चिकित्सालय भवन का भूमि पूजन किया। नवीन आयुर्वेद चिकित्सालय भवन का निर्माण आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय द्वारा कराया जा रहा है। इस भवन में पंचकर्म चिकित्सा इकाई और जनरल ओपीडी की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे जमवारामगढ़ के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के आमजन को सुलभ व गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक उपचार मिल सकेगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने कहा आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जो आज के युग में भी अत्यंत प्रभावशाली है। इस औषधालय के माध्यम से हम ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक सेवाओं को पहुँचाकर समग्र स्वास्थ्य की दिशा में सशक्त कदम रख रहे हैं।
यह संस्थान न केवल उपचार देगा, बल्कि जनजागरूकता और जीवनशैली सुधार के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।” जमवा रामगढ़ में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के अंतर्गत आम जन को काफी समय से आयुर्वेद चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है आज उन सुविधाओं का विस्तार करते हुए आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से इस नवीन चिकित्सालय भवन को बनाया जा रहा है।
आयुर्वेद चिकित्सालय भवन के निर्माण के लिए स्थानिय ग्राम पंचायत के सहयोग से जमीन निशुल्क आवंटित की गई है। यह औषधालय भवन आने वाले समय में क्षेत्र के नागरिकों के लिए आयुर्वेद की सुलभ पहुँच सुनिश्चित करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।