जयपुर। कुचामन के डीडवाना में मेगा हाईवे पर स्थित गोपाल गोशाला में शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे अचानक एक के बाद एक सेना के दो चेतक हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई। हालांकि दस मिनट बाद दोनों हेलिकॉप्टर ने फिर से उड़ान भरी। दावा किया जा रहा है कि इंजन में चिप वॉर्निंग के कारण ये उतरे थे। गड़बड़ी एक ही हेलिकॉप्टर में आई थी। दूसरा हेलिकॉप्टर केवल मदद के लिए उतरा था। आर्मी के पायलट और जवानों ने तकनीकी खामी का पता लगाया और दस मिनट में ही इसे दूर कर लिया। इसके बाद दोनों हेलिकॉप्टर ने वापस उड़ान भरी।
हेलिकॉप्टर कहां से कहां जा रहे थे। इस बारे में सेना के अधिकारियों ने जानकारी नहीं दी है। हालांकि गौशाला मैदान में दो हेलीकॉप्टर की लैंडिंग इलाके में चर्चा का विषय बनी रही। गोशाला के पास सालासर चौराहा के सम्राट होटल के मालिक एडवोकेट पूसा राम ने बताया कि वह होटल में बैठा था। पहले आर्मी का एक हेलीकॉप्टर उतरा। उसके बाद दूसरा हेलीकॉप्टर राउंड लगाकर उतरा। एक हेलिकॉप्टर का पीछे का बॉक्स खुला हुआ था, जिसे जवानों ने बंद किया। करीब दस मिनट बाद हेलिकॉप्टर वापस उड़ गए। हेलिकॉप्टर में सवार जवानों ने किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल कुछ टेक्निकल गड़बड़ी के कारण लैंडिंग होना बताया।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा ने बताया कि यह चीता हेलिकॉप्टर थे। जो अपने रुटीन उड़ान पर थे। इसमें कोई मामूली तकनीकी खराबी थी। जो बॉक्स की बात की जा रही है। वह कोई स्पेशल बॉक्स नहीं है। इस बॉक्स में इंस्ट्रूमेंट रखे होते है। किसी भी हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर में मामूली तकनीकी खराबी का अंदेशा होता है तो उसके वार्निंग सिग्नल एक्टिवेट हो जाते है। पायलट के लिए यह निर्देश होता है कि इस प्रकार का सिग्नल होने पर तुरंत उसको लैंडिंग करनी होगी। लैंडिंग करने के बाद तकनीकी खामियों को चेक कर दूर किया जाता है। सब ठीक होने पर वह दोबारा फ्लाई करने के लिए तैयार हो जाता है।