नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बड़ा संकट यह है कि देश की एक फीसदी आबादी के पास लगभग आधा संपत्ति है जिसके कारण गरीबी और अमीरी के बीच की खाई बढ़ रही है और बेरोजगारी का हल नहीं निकल रहा है। हालात यह है कि नौकरियां नहीं हैं और देश में नौकरियां सिर्फ संविदा पर आधारित हो गई हैं। संविदा नौकरियों की दर दोगुनी से ज्यादा हो गई है और महंगाई आसान छू रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार फिलहाल कदम उठाते नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा, “आज देश में आर्थिक असमानता की दर ब्रिटिश राज से भी बदतर है। इस देश की एक प्रतिशत आबादी का देश की 40 प्रतिशत संपत्ति पर नियंत्रण है। जिसके कारण अमीर और अमीर, गरीब और ज्यादा गरीब हो रहा है। क्या यह बजट इस खाई को पाटने के लिए कुछ करेगा। देश के 48 प्रतिशत परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लोगों की आय कम हुई है और वे बचत का सहारा लिए जीवन जी रहे हैं। आज देश की हालत -‘आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया’ हो गया है।”
प्रवक्ता ने कहा “वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण जी अपना सातवां बजट पेश करेंगी। इस बजट को बनाने से पहले उन्होंने कुछ उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से मुलाकात कर विचार-विमर्श किया है, लेकिन क्या वे उन परिवारों से मिली हैं, जो दिन में तीन वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे हैं। क्या वे उन महिलाओं से मिली हैं, जो महंगाई से जूझ रही हैं। क्या वे उन किसानों से मिली हैं, जो फसल का सही दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्या वे उन युवाओं से मिली हैं, जो पेपर लीक से प्रताड़ित हैं। क्या वे असल हिंदुस्तान से मिली हैं। ये स्पष्ट है कि वे उनसे नहीं मिली हैं। ये बजट चंद पूंजिपतियों को और अमीर बनाने के लिए बनाया जा रहा है।”


















