जयपुर। चार दिनों की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद, जयपुर के श्याम नगर इलाके में रहने वाली शिक्षा जैन ने अपने दमदार प्रदर्शन से एनसीआर कप का खिताब अपने नाम कर लिया। 1, पार और 5 ओवर के स्कोर के साथ, उन्होंने सभी श्रेणियों के खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
यह टूर्नामेंट न केवल तकनीकी कौशल बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा था। शिक्षा के लिए यह सफर आसान नहीं था। मुकाबले के दौरान एक अप्रत्याशित घटना में गोल्फ बॉल उनके पैर पर जा लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पूरे आत्मविश्वास के साथ खेल जारी रखा।
यह टूर्नामेंट सिर्फ अच्छा खेलने का नहीं, बल्कि मैदान में धैर्य और मानसिक मजबूती दिखाने का था। जब आप खेल में होते हैं, तो सिर्फ विरोधियों से ही नहीं, बल्कि बाहरी दबावों से भी जूझना पड़ता है। मुकाबले के दौरान मुझे कुछ विरोधी खिलाड़ियों के समर्थकों की हूटिंग का सामना भी करना पड़ा, लेकिन मैंने खुद को शांत रखा और अपनी गेम पर फोकस किया।
एक उभरता सितारा
महज 14 साल की उम्र में, शिक्षा जैन 82 से अधिक टूर्नामेंट जीत चुकी हैं और 147 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में आमंत्रित हो चुकी हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ ट्रॉफियां जीतना नहीं, बल्कि भारत के लिए 2028 ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना है। हर दिन 10-11 घंटे की कठिन ट्रेनिंग करने वाली शिक्षा का यह सफर उनके संकल्प और समर्पण की मिसाल है। उनकी यह जीत भारतीय गोल्फ के लिए एक नई प्रेरणा है और यह दिखाती है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।
आगे की राह
शिक्षा जैन की यह जीत उनके अंतरराष्ट्रीय सफर की ओर एक और बड़ा कदम है। भारतीय गोल्फ में उनका भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है और आने वाले वर्षों में वह देश का नाम और भी ऊंचा करेंगी। आज एनसीआर कप की ट्रॉफी शिक्षा जैन के हाथ में है, और इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले वर्षों में गोल्फ जगत इस नाम को और भी अधिक सुनेगा।