जयपुर। आदर्श नगर के श्रीराम मंदिर में चल रहे श्रीमद भागवत सप्ताह परायण ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को व्यास पीठ से श्रीधाम मथुरा,वृंदावन वाले आचार्य श्री लाल जी भाई बिहारी श्री जी ने भक्तों को श्री जड़ भरत चरित्र,अजामिल चरित्र,नृसिंह अवतार व प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई,जिसे सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
इस अवसर पर महाराजश्री ने कहा कि हम सभी के लिए भक्त प्रहलाद का जीवन प्रेरणादायी है। सभी को भक्त प्रहलाद जैसी भक्ति करनी चाहिए। भगवान का परम भक्त प्रहलाद, जिसे कि पिता हिरण्यकशिपु के द्वारा अति भयंकर कष्ट दिए गए। यहाँ तक कि श्री प्रहलाद जी को विष पिलाया गया। हाथी से कुचलवाया गया,अग्नि में जलाया गया। तरह-तरह की यातनाएं दी गई परन्तु श्री प्रहलाद जी हर जगह अपने प्रभु का ही दर्शन करते थे। इसलिए उन्हें कहीं भी किसी भी प्रकार की पीडा का एहसास नहीं हुआ। उन्हें विश्वास था कि हमारे प्रभु सदा-सर्वदा सर्वत्र विराजमान रहते है।
तो प्रभु नृसिंह भगवान भक्त के विश्वास को पूर्ण करते हुए खम्भ से प्रगट होकर यह दिखा दिया कि भक्त की इच्छा एवं विश्वास को पूर्ण करने के लिए वह कहीं भी किसी भी समय प्रगट हो सकते है।
महाराजश्री ने कहा कि जीव को किसी की निन्दा स्तुति करने के बजाय भगवान की ही चर्चा करनी एवं सुननी चाहिए। प्रभु चरित्रों को श्रवण करने से भगवान का चिन्तन करने से की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि विशाल पेड़ जिस प्रकार छोटी सी कुल्हाड़ी से कट जाता है उसी प्रकार प्रभु के चरण कमल का स्मरण करने से जीव के सारे पाप कट जाते है। इसके लिऐ उसे प्रभु की शरण में आना होगा। प्रभु की हर इच्छा, प्रत्येक लीला को प्रसन्नता से स्वीकार करने वाला ही सच्चा भक्त होता है। भक्त को अपने आदर सत्कार या सम्मान की कामना नहीं होती। वह तो हर कार्य प्रभु की सेवा समझकर करता है और ऐसी भावना को ही प्रभु स्वीकार करते हैं वह तो केवल भाव के भूखें हैं क्योंकि परमात्मा न तो साकार है न निराकार है वो तो भक्त की इच्छा के अनुसार तदाकार हैं। जैसे भक्त चाहता है उसे उसी रूप में प्रभु प्राप्त होते हैं।
शनिवार को होगा नंदोत्सव का आयोजन
कथा के आयोजक जय प्रकाश शर्मा व सुषमा शर्मा ने बताया कि कथा प्रसंग के तहत शनिवार को श्री बलि वामन संवाद के पश्चात राम जन्मोत्सव की कथा और उसके नंदोत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन 27 को श्री कृष्ण बाल लीला संवाद,वेणुगीत,गोवर्धन पूजा व 56 भोग की कथा होगी। उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत 28 को रास पंचाध्यायी,गोपी गीत महारास संवाद,उद्वव संवाद,रूकमणि मंगल के बाद 29 को भगवान श्री द्वारकानाथ के विवाह प्रसंग के बाद सुदामा चरित्र के बाद भागवत पूजन होगी।हवन पूर्णाहुति व सुंदर कांड पाठ सत्संग व भंडारा का आयोजन 30 अप्रेल को होगा। भागवत कथा का वाचन 30 अप्रैल तक रोजाना शाम 4 बजे से 7 बजे तक होगा