November 11, 2024, 6:46 am
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विश्व प्रसिद्ध वायलिन वादक संगीतज्ञ प्रोफेसर डॉ मैसूर मंजूनाथ तीन वर्ष के लिए सर्वसम्मति से संस्कार भारती के अध्यक्ष निर्वाचित

जयपुर। राजधानी जयपुर स्थित मानसरोवर अभिनन्दन परिसर में संस्कार भारती का चुनाव सम्पन्न हुए। जिसमें पूरे देश से लगभग 300 से अधिक प्रतिनिधि कला साधकों ने भाग लिया। इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध वायलिन वादक संगीतज्ञ प्रोफेसर डॉ मैसूर मंजूनाथ तीन वर्ष के लिए सर्वसम्मति से संस्कार भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

इस निर्वाचन समिति में निर्वाचित अध्यक्ष ने ऑनलाइन घोषणा की कि प्रसिद्ध अभिनेता. निर्देशक नीतीश भारद्वाज, मुंबई, कला विशेषज्ञ हेमलता एस मोहन; रांची, वरिष्ठ संस्कृति कर्मी डॉ रवींद्र भारती; जयपुर, संस्कार भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष बने। प्रसिद्ध सुरबहार वादक डॉ अश्विन दलवी; जयपुर, अखिल भारतीय महामंत्री नियुक्त हुए। अभिजीत गोखले; दिल्ली, अखिल भारतीय संगठन मंत्री अखिल भारतीय मंत्री रवि बेडेकर; नासिक, निलॉजना रॉय ; कोलकाता, अनुपम भटनागर; दिल्ली, आशुतोष अडोनी; नागपुर और संजय चौधरी, सुभाष चंद्र अग्रवाल; आगरा कोषाध्यक्ष और श्रीपाद जोशी उज्जैन, सह कोषाध्यक्ष बनाए गए।

इस मौके पर आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ रवींद्र भारती ने बताया कि संस्कार भारती कला जगत का संगठन है। भारतीय कला जगत का संचालन भारतीय कला दृष्टि के आधार पर हो, इस उद्देश्य को
ध्यान में रखते हुए ऐसी बैठकों में योजना कार्यक्रम उपक्रम प्रकल्प इत्यादि नियोजित किए जाते हैं और आयोजित भी। विचार आधारित प्रस्तुतियां हो इस दृष्टि से कला, शिक्षा, अध्ययन, समीक्षा, श्रोता, संस्थाएं सृजन, नीति निर्धारण इत्यादि में संस्कार भारती कार्य आगे बढ़ाने का विचार हुआ है। जिसमें देश के कलाकारों सहित कला जगत के अन्य घटकों में कार्य का विस्तार करने और विभिन्न कला विधाओं के चर्चा केंद्र, कला सर्कल आदि उपक्रम विशेषतः नगरों में शुरू किए जाने का निर्णय हुआ है।

सामाजिक समरसता विषय पर फरवरी में बेंगलुरु में हुए अखिल भारतीय कला साधक संगम की उपलब्धियां की समीक्षा की गई है उसके साथ ही इस वर्ष का भरतमुनि सम्मान दो कला विभागों, एक मंचीय कला और दूसरे साहित्य; भारतीय भाषाओं में प्रदान करने का निर्णय हुआ है। जिसमें प्रत्येक को 1 लाख 51 हजार रुपए की राशि, एक प्रतीक चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।

गत सितंबर माह में चेन्नई के आईआईटी परिसर में तीन दिन की अखिल भारतीय रंगोली की कार्यशाला जिसमें देश के 20 राज्यों से 934 प्रतिभागियों ने भाग लिया था उनमें 57 प्रतिभागी आईआईटी संस्थान के ही थे, की समीक्षा की गयी। ऐसे आयोजन निरंतर किए जाएंगे। भारत की कला और संस्कृति के चिन्ह विश्व में अनेक देशों में दिखाई पड़ते हैं।

यूरोप के स्लाविक और बाल्टिक देशों के प्रकृति पूजक मूल समुदाय आज भी भारतीय संस्कृति से निकटता अनुभव करते हैं। सांस्कृतिक आदान प्रदान के उद्देश्य से पोलैंड के एक सांस्कृतिक दुनायोवी को भारत में आमंत्रित किया गया था। उसे दल के सदस्यों की रुचि अपनी वंशावली लेखन की ओर होने के कारण हरिद्वार में उनके वंशावली लेखन का कार्य भी संपन्न कराया गया।

कश्मीर घाटी में कार्य का विस्तार करने की योजना में वहां की कला साधकों का सम्मान और कारगिल शौर्य यात्रा का आयोजन, जून माह में जम्मू विश्वविद्यालय में फिल्म आयाम के अंतर्गत संस्कार भारती जम्मू कश्मीर और युवा जम्मू कश्मीर द्वारा फिल्म डॉक्यूमेंट्री एवं लघु फिल्म का संकलन किया गया। ओपन माइक कार्यक्रमों के प्रचलन को देखते हुए युवा प्रतिभा कारों के इस वर्ष 180 कार्यक्रम द रूट्स ओपन माइक के नाम से आयोजित किए गए हैं।

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