जयपुर। गायत्री प्रज्ञा मण्डल पावटा की ओर से शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में शुक्रवार को दिल्ली रोड़ स्थित हीरामल बाबा, ढाणी शीतलदास वाली, ग्राम भूरी भड़ाज में कलश यात्रा के साथ 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, प्रज्ञा पुराण और संस्कार महोत्सव का शुभारंभ हुआ। गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा ठाकुर जी मन्दिर से प्रारम्भ हुई ।
महिलाएं एक ही वेशभूषा में चालो चालो सुहागन नार कलश सर धारण करो जैसे प्रज्ञा गीत और पुरुष श्रद्धालु हम बदलेंगे युग बदलेगा हम सुधरेंगे युग सुधरेगा का जय घोष करते हुए चल । कलश यात्रा का जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। विभिन्न मार्गो से होते हुए कलश यात्रा यज्ञ स्थल तक पहुंची। प्रचंड गर्मी और उमस के वातावरण में भी महिलाओं की श्रद्धा भावना ने सबको अभिभूत कर दिया।
इससे पूर्व गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के दिनेश आचार्य और प्रहलाद शर्मा ने वरुण देवता का आह्वान कर कलश पूजन करवाया।मानव में देवत्व एवं धरती पर स्वर्ण अवतरण की अवधारणा के साथ वैज्ञानिक अध्यात्मवाद की शीतल ज्ञान गंगा में स्नान करने के लिए लोग सपरिवार एवं ईष्ट मित्रों के साथ शामिल हुए।
शनिवार से इन धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन
वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पं. श्री राम शर्मा आचार्य, वन्दनीया माताजी भगवती देवी शर्मा के संरक्षण में 1926 में प्रज्जवलित अखण्ड दीपक एवं जन्म शताब्दी समारोह 2026 के अंर्तगत गृह गृह गायत्री यज्ञ श्रृंखला के अन्तर्गत शनिवार से 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रज्ञापुराण कथा एवं संस्कार महोत्सव का विधिवत शुभारंभ होगा।
शनिवार, 25 मई से 28 मई तक प्रतिदिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियां अर्पित की जाएगी। शाम 5 बजे रात्रि 8 बजे तक प्रज्ञापुराण कथा, संगीत प्रवचन होगा। शांतिकुंज हरिद्वार से आए सुनील कुमार शर्मा प्रज्ञा पुराण कथा का श्रवण कराएंगे।
बुधवार, 29 मई को सुबह 7 बजे से 12 बजे तक 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के बाद शाम 5 बजे से 8 बजे तक राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ होगा। गुरुवार, 30 मई की महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इस अवसर पर दीक्षा, नामकरण, पुंसवन सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे।