जयपुर। सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में बुधवार को रसिक माधुरी शरण महाराज का 125 वां जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पुष्प-पल्लव, बांदरवाल, गोटापत्ती के पर्दों से सुसज्जित श्री सरस निकुंज में सुबह से रातभर भक्ति की सरिता प्रवाहित होती रही जिसमें सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था भरे ह्दय से डुबकी लगाई। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि पीठाधीश्वर अलबेली माधुरीशरण महाराज के सान्निध्य में सुबह ठाकुरजी का वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया।
गोविंद देवजी मंदिर के प्रबंधक एवं उतराधिकारी मानस गोस्वामी एवं विभिन्न मंदिरों के संतों-महंतों के सान्निध्य में दोपहर को मंगलाचरण के साथ बधाई गायन महोत्सव शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। रसिक माधुरी शरण महाराज के चित्रपट के समक्ष श्री सरस परिकर के भक्तों ने गावो गावो री बधाई आज उमंग भर के…., बजत बधाइयां हो श्रीयुत सरस के दरबार…, आज नव कुंजन मांहि बधाई…, सखी गाओ बधाई आज सरस दुलारे की…, सरस रस के सने गुरु बन आज आए है… लिया रुप अवतार रसिक ने….जैसे बधाइयों से श्री सरस निकुंज गुंजायमान हो उठा। इस मौके पर वृंदावन से आए भक्तों ने रसिक माधुरी शरण महाराज के जन्मोत्सव पर भक्तिभाव से नृत्य किया। पीठाधीश्वर अलबेली माधुरीशरण महाराज ने खुशी के मौके पर फल, खिलौने, वस्त्र, टॉफी की जमकर उछाल की।