February 14, 2025, 1:58 pm
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कश्मीरी हिंदुओं के निर्वासन के 35 साल पूरे, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और न्याय की मांग अब भी अधूरी

जयपुर। 19 जनवरी 1990 का दिन भारत के लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काले अध्यायों में से एक है। इस दिन कश्मीर घाटी में कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादियों ने एक संगठित नरसंहार किया, जिससे 7,00,000 से अधिक कश्मीरी हिंदुओं को अपने पूर्वजों की भूमि छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान हत्या, बलात्कार, यातना और जबरन पलायन जैसी अमानवीय घटनाएं हुई। यह नरसंहार सिर्फ शारीरिक ही नही था, बल्कि भावनात्मक और राजनीतिक भी था, जिसने कश्मीरी हिंदुओं को उनकी पहचान अधिकार और भूमि से जुड़ाव से वंचित कर दिया। आज, कश्मीरी हिंदू 36 वें वर्ष में भी न्यास से वंचित हैं।

इंडिया 4 कश्मीर सरकार से मांग करता है कि कश्मीरी हिंदुओं को उनके राजनीतिक, सामाजिक और मानवाधिकार दिए जाएं। हमारा नरसंहार केवल शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और राजनीतिक स्तर पर भी हुआ है। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह हमारे समुदाय के दर्द और लंबे समय से लंबित न्याय की पुकार को सुने और हमारी चार्टर ऑफ डिमांड्स के सभी बिंदुओं को लागू करे।

इंडिया 4 कश्मीर चार्टर ऑफ डिमांड्स-

  1. पीओके (चवा) सीटों पर कश्मीरी हिंदुओं का नामांकन

जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीओके (चवा) के लिए 24 सीटें और संसद में 6 सीटे खाली है। इंडिया 4 कश्मीर मांग करता है कि विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को इन सीटों पर नामांकित किया जाए ताकि हमें हमारी राजनीतिक हिस्सेदारी और कश्मीर के भविष्य में भूमिका दी जा सके।

2. निर्वासन को नरसंहार के रूप में मान्यता

1990 का पलायन केवल विस्थापन नहीं था, यह एक संगठित नरसंहार था। सरकार को इसे आधिकारिक रूप से नरसंहार घोषित करना चाहिए और पीड़ितों को न्याय देना चाहिए।

  1. पुनर्वास के लिए संवैधानिक क्षेत्र का निर्माण

कश्मीर घाटी में एक अलग, सुरक्षित क्षेत्र का निर्माण किया जाए, जहां कश्मीरी हिंदुओं की सम्मानजनक और स्थायी वापसी सुनिश्चित हो। यह क्षेत्र पूरी तरह भारतीय संविधान के अधीन होना चाहिए।

  1. विशेष न्यायाधिकरण का गठन

नरसंहार के अपराधियों की पहचान और सजा के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण बनाया जाए।

  1. धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा

मंदिरो और धार्मिक स्थलों को कट्टरपंथियों से बचाने के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण का गठन हो।

  1. स्टेट टेम्पल एंड श्राइन बिल का कार्यान्वयन

इस बिल को तुरंत लागू किया जाए ताकि कश्मीरी हिंदुओं के धार्मिक स्थलों का संरक्षण हो सके।

  1. आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के अधिकार

कश्मीरी हिंदुओं को अंतराष्ट्रीय मानको के अनुसार सभी अधिकार दिए जाएं।

8.संस्थागत समन्वय तंत्र

पुनर्वास और न्याय की प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक समन्वय निकाय बनाया जाए, जिसमें इंडिया 4 कश्मीर और समुदाय के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जाए।

सरकार की सराहना, लेकिन और कार्य की आवश्यकता

इंडिया 4 कश्मीर सरकार के उन ऐतिहासिक निर्णयों की सराहना करता है, जिनमें अनुच्छेद 370 और 35। को हटाना शामिल है। यह हमारे पहले के चार्टर ऑफ डिमांड्स के अनुरूप था और कश्मीर के स्थिर भविष्य के लिए नए अवसर प्रदान करता है।

लेकिन कश्मीरी हिंदुओं का पूरा पुनर्वास अब भी अधूरा है। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह हमारे लंबे समय से अनसुने न्याय की पुकार को सुने और हमारे चार्टर ऑफ डिमांड्स के बाकी बिंदुओं को भी लागू करे। अब समय आ गया है कि कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए अन्याय को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया जाए और उनकी सम्मानजनक वापसी सुनिष्चित की जाए।

इंडिया 4 कश्मीर एक प्रमुख अखिल भारतीय आंदोलन है, जो कश्मीर में भारत की पहचान और उपस्थिति को पुनः स्थापित करने और सभी भारतीयों के लिए षांति और समृद्धि सुनिष्चित करने का प्रयास करता है।

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