जयपुर। छोटीकाशी में श्याम प्रभु की अखंड ज्योति जलाकर घर-घर श्याममय बनाने वाले भक्त शिरोमणि पं. गोकुलचन्द मिश्र को समर्पित 46 वां गुरु वंदना महोत्सव 15 मई को शाम सवा सात बजे से रामगंज के कांवटियों का खुर्रा स्थित श्री श्याम प्राचीन मंदिर में भक्तिभाव से मनाया जाएगा। मंदिर महंत तथा पं. गोकुलचंद मिश्र के पौत्र पं. लोकेश मिश्रा ने बताया कि श्याम प्रभु की पूजा-अर्चना कर पं. गोकुलचन्द मिश्र के चित्रपट की पूजा की जाएगी। अखंड ज्योति प्रज्जवलित कर श्याम प्रभु का गुणगान किया जाएगा।
इससे पूर्व सुबह 11 बजे गायत्री महायज्ञ होगा। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के विद्वानों की टोली यज्ञ संपन्न कराएगी। उल्लेखनीय है कि पं. गोकुलचन्द मिश्र का जन्म खाटूधाम में हुआ था। उनके पिता का नाम श्यामसुंदर मिश्र था। वह श्याम बाबा को भागवत सुनाते थे। खाटू श्याम मंदिर परिवार से उनका घनिष्ठ संबंध था जो आज भी है। इसलिए गोकुलचंद मिश्र का बचपन श्याम मंदिर में ही बीता। आलू सिंह और श्याम बहादुर इनके घनिष्ठ मित्र थे। तीनों मित्र मिलकर श्याम बाबा का प्रचार-प्रसार करते।
बाद में गोकुलचंद मिश्र श्याम मंदिर खाटूधाम के प्रथम ब्राह्मण पुजारी नियुक्त किए गए। इससे पहले श्याम प्रभु की सेवा पूजा मंदिर परिवार किया करता था। लंबे समय तक उन्होंने श्याम बाबा की सेवा पूजा की।घर-घर जलाई श्याम प्रभु की ज्योति:गोकुलचंद मिश्र अस्वस्थ होने के कारण जयपुर आ गए। कांवटियों का खुर्रा रामगंज बाजार स्थित निज आवास में आलू सिंह और गोकुलचंद निज मंदिर खाटूधाम से ज्योत लेकर आए।
जयपुर में उन्होंने 1962 में श्याम नाम की ज्योत जगाई। श्याम भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी तो सन 1966 में श्याम बाबा का प्रचार-प्रसार करने के लिए आलू सिंह महाराज, मांगीलाल सारडा, राधेश्याम सर्राफ, देवीसहाय खाटूवाले के सहयोग से श्री श्याम सत्संग मंडल की स्थापना की। सभी ने घर-घर जाकर श्याम बाबा की ज्योत जगाई। अब गोकुलचंद मिश्र के वंशज इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। गोकुलचन्द मिश्र 15 मई 1978 को श्याम शरण में चले गए।