नेट-थियेट पर घट-घट वासी

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जयपुर। नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में घट-घट वासी कार्यक्रम में प्लेबैक सिंगर, कोरियोग्राफर और भजन कलाकार वीणा मोदानी ने अपनी मधुर और सुरीली वाणी से भजन की ऐसी सरिता प्रवाहित कि की सावन की फुहार में दर्शक भक्ति रस में हिलोरे लेने लगे ।

नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार वीणा मोदानी ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत आस लगाए बैठे हैं कब आओगे मेरे राम, रटन लगाए बैठे हैं, कब आओगे मेरे राम सुनाकर भजन की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर विनोद सोमानी द्वारा लिखित भजन तू तो घट घट वासी है, फिर मेरा घट क्य़ू खाली है, छप्पन भोग सदा तू जीमें, मेरी थाली क्यूं खाली है को बड़े ही सुरीले और मनोयोग से सुनाकर दर्शकों की तालियां बटोरी ।

सिंगर वीणा मोदी ने भजनों की लड़ी में तुम दीन दयालु हो, मैं तो एक पापी हूं, तेरे दर पर आया हूं, तुझ पार लगाना है। उसके बाद सतगुरु थारी सांची नाव, चुराया होगा माखन, औ नंद के नंदन, ये दिल चुराओ तो जानू आ जा ओ गिरधर नागर, राम की शरण बिना चैन कहां मन और अंत में तड़पू में मोहन ये कैसी घड़ी है, दरस को पाने तेरे राधा खड़ी है जैसे भजनों को बडे ही सुरीले अंदाज में प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया।

इनके साथ तबले पर नवल डांगी की उंगलियों का जादू, वायलिन पर अशोक पवार और हारमोनियम पर रमेश मेवाल ने असरदार संगतकर भजनों की इस सुरीली शाम को भक्तिमय बना दियाl संयोजक नवल डांगी तथा प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी एवं संगीत विनोद सागर गढवाल ने किया। मंच सज्जा वीरेंद्र सिंह राठौड़,अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।

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