अहिल्याबाई के समग्र जीवन में पुण्य के अलावा कुछ भी नहीं है, इसलिए वे पुण्यश्लोका हैं: भैय्याजी जोशी

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There is nothing but virtue in the entire life of Ahilyabai, that is why she is Punyasloka: Bhaiyyaji Joshi
There is nothing but virtue in the entire life of Ahilyabai, that is why she is Punyasloka: Bhaiyyaji Joshi

जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैया जी जोशी ने कहा, अहिल्याबाई के समग्र जीवन में पुण्य के अलावा कुछ भी नहीं है, इसलिए वे पुण्यश्लोका हैं। एक सूबे का कार्य संभालने वाली इतिहास में वे एकमात्र ऐसी व्यक्तित्व हैं, जिन्हें देवी कहा गया। उनका जीवन और आचरण नर्मदा के जल के समान शुद्ध और पारदर्शी था। वे शिव भक्त थीं। उन्होंने जब महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया, तो तुलसी पत्र रखकर प्रवेश किया।

उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महेश्वर में कपड़ा उद्योग की स्थापना की। महेश्वर की साड़ियां आज भी इसकी साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि वे भले ही मालवा की शासक थीं, लेकिन उनकी दृष्टि राष्ट्रीय थी। उन्होंने अपने राज्य की सीमा के बाहर भी मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया, घाट बनवाए, अन्नसत्र और सदावर्त चलाए। उन्होंने 60 हजार महिलाओं की सेना तैयार की। उनकी राजनीतिक सूझबूझ अद्भुत थी।

भैय्याजी जोशी पुण्यश्लोका रानी अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में बुधवार को बिड़ला सभागार, जयपुर में आयोजित एक समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन विश्वमांगल्य सभा एवं राजस्थान सरकार के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने भी अपने विचार रखे।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए सामाजिक व नारी सशक्तिकरण के कार्यों का उल्लेख किया और कहा कि आज के माता पिता को उनसे शिक्षा लेते हुए बच्चों को संस्कारित करने की आवश्यकता है।

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलवाया और स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।

दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का स्मरण करते हुए ‘‘जो दीप जलाया मॉं अहिल्या ने, उसकी लौ को बढ़ाना होगा। उसी दीये से और दीया, मिलकर जलाना होगा’’ कविता के माध्यम से उनकी स्तुति की।

विश्वमांगल्य सभा की राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री पूजा देशमुख ने कहा कि समारोह का उद्देश्य रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन, उनके शासनकाल, सामाजिक कार्यों और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना है। विश्वमांगल्य सभा महिलाओं द्वारा संचालित संगठन है जो महिलाओं के बीच काम करते हुए देश को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए कृत संकल्पित है।

राष्ट्रसमर्था देवी अहिल्याबाई की पुण्यगाथा नाटक का हुआ भव्य मंचन

इस अवसर पर देवी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित नाटक राष्ट्रसमर्था देवी अहिल्याबाई की पुण्यगाथा का भव्य मंचन हुआ, जिसे नागपुर, महाराष्ट्र से आए 40 कलाकारों ने अपने अभिनय से जीवंत बना दिया। मातृत्व को समर्पित संस्था विश्वमांगल्य सभा द्वारा देश के 101 जिलों में इस नाटक के मंचन की योजना है। यह नाटक सर्व प्रथम काशी के नमो घाट पर मंचित हुआ था, जिसमें लगभग 5 हजार लोगों की उपस्थिति रही थी। जयपुर इसका 30वां पड़ाव था। नाटक की स्क्रिप्ट संस्था की राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. वृशाली जोशी ने लिखी है।

इस अवसर पर विश्वमांगल्य सभा के केंद्रीय परामर्शदाता प्रशांत हरतालकर, अखिल भारतीय फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीता बूचरा, सांसद मंजू शर्मा समेत अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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