जयपुर। गायत्री जयंती ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पांच जून को धूमधाम से मनाई जाएगी। बुधवार को शक्तिपीठों को सजाया गया। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र पर गायत्री जयंती, गंगा दशहरा और गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य का महाप्रयाण दिवस पर विभिन्न आयोजन होंगे।
केन्द्र के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि बुधवार को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक सबकी सद्बुद्धि के लिए गायत्री महामंत्र का अखंड जाप किया गया। शाम को राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ हुआ। प्रज्जवलित दीपकों में अक्षत के माध्यम से आहुतियां प्रदान की गई। गुरुवार 5 जून को सुबह नौ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। यज्ञ से पूर्व पर्व पूजन होगा। इस मौके पर दीक्षा, यज्ञोपवीत, पुंसवन सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में बुधवार को सुबह छह से शाम पांच बजे तक अखंड गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान किया गया। शाम साढ़े पांच बजे आरती के बाद शाम 6 बजे दीपयज्ञ हुआ। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने बताया कि पांच जून को सुबह आठ बजे से गायत्री महायज्ञ होगा। इसके साथ दीक्षा, यज्ञोपवीत सहित अनेक संस्कार कराए जाएंगे। गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ सहित प्रज्ञापीठ, चेतना केन्द्रों पर भी गायत्री जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीराम शर्मा आचार्य ने वााटिका गांव में 23 दिसंबर, 1980 में तथा उनकी सह धर्मिणी भगवती देवी शर्मा ने 1992 में ब्रह्मपुरी में गायत्री शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा अपने हाथों से की थी। दोनों शक्तिपीठों में तब से अखंड दीपक प्रज्जवलित है। गायत्री परिवार की ओर से देश-दुनिया में 48 अश्वमेध यज्ञ कराए जा चुके हैं। इसकी शुरूआत भी 1992 में जयपुर से ही हुई थी।
गंगा और गायत्री दोनों ही पवित्रता की प्रतीक:- गायत्री जयंती की पूर्व संध्या पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने शांतिकुंज हरिद्वार में कहा कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गायत्री और गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन का इसलिए भी महत्व है, गंगा और गायत्री दोनों ही पवित्रता की प्रतीक हैं। मां गायत्री मनुष्य के अंतरंग की पवित्रता और मां गंगा बाहर की पवित्रता लाती हैं। गंगा दशहरा ये संदेश देता है कि हम सभी को अपने जीवन को बदलने और इसे पवित्र बनाने की कोशिश करना चाहिए।
गीता गायत्री मंदिर में होगा द्वादश ज्योतिर्लिंग का महाशिवाभिषेक
गलता गेट स्थित मंदिर श्री गीता गायत्री जी में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में गायत्री जयंती महोत्सव 5-6 जून को धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर प्रवक्ता नीतीश चैतन्य चतुर्वेदी ने बताया कि 5 जून गंगा दशहरा के दिन द्वादश ज्योतिर्लिंग महाशिवाभिषेक, पंचामृत और ऋतु फलों के रसों से द्वादश ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया जाएगा। गायत्री माता का सुगंधित पुष्पों से श्रृंगार कर आम की दिव्य अमिया झांकी सजाई जाएगी। विद्वान पंडितों के द्वारा गायत्री माता के सवा लाख मंत्रों की विधिवत शुरुआत होगी। महोत्सव के दूसरे दिन 6 जून को 41 ब्राह्मण विद्वानों द्वारा निरंतर गायत्री मंत्र का जाप और पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में दशांश आहुतियां प्रदान की जाएगी।