जयपुर। प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस साल गणेश चतुर्थी पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (बुधवार) 27 अगस्त को मनाया जाएगा। नौ दिवसीय चलने वाले इस उत्सव का शुभारम्भ बीस अगस्त को मोदकों की झांकी से होगा। भगवान गणपति को मोदक अर्पित किए जाएंगे। जिनमें 251-251 किलो के दो विशाल मोदक भी होंगे। इन दोनों के अलावा 51-51 किलोग्राम के पांच मोदक, 21-21 किलोग्राम के 21 मोदक,1.25-1.25 किलोग्राम के 1100 मोदक और हजारों की संख्या में अन्य छोटे मोदक रखे जाएगे। इस पूरी प्रसादी को बनाने में करीब 2500 किलोग्राम शुद्ध घी, 3 हजार किलोग्राम बेसन, 9 हजार किलोग्राम शक्कर और करीब 50 किलोग्राम सूखे मेवों का उपयोग किया जाएगा।
21 अगस्त को पुष्य नक्षत्र
जन्मोत्सव के तहत 21 अगस्त को पुष्य नक्षत्र पर भगवान श्री गणेश का पंचामृत अभिषेक होगा। इस दिन भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का 251 किलोग्राम दूध, 25 किलोग्राम बूरा, 50 किलोग्राम दही, 11 किलोग्राम शहद और 11 किलोग्राम घी से अभिषेक किया जाएगा। इस मौके पर 501 महिलाएं कलश यात्रा लेकर मोती डूंगरी पहुंचेगी।
गणेश चतुर्थी के मुख्य आकर्षण
मोती डूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि इस उत्सव के अगले दिन यानी 22 अगस्त की शाम 7 बजे मंदिर परिसर में ध्रुपद गायन कार्यक्रम होगा। मान्यता है कि भगवान श्री गणेश को ध्रुपद गायन सबसे प्रिय है, जिसके कारण इस दिन भजन संध्या ध्रुपद गायन के साथ आरंभ की जाएगी। वहीं अगले तीन दिन यानी 23, 24 व 25 अगस्त की शाम को कत्थक नृत्य का कार्यक्रम होगा।
26 अगस्त को सिंजारा और मेहंदी पूजन
जन्मोत्सव के इस कार्यक्रम में 26 अगस्त को प्रथम पूज्य का सिंजारा मनाया जाएगा। मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में इस दिन गणेश जी को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई जाएगी। यह मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाई जाएगी।
मेहंदी धारण के बाद इसे श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। मेंहदी प्रसाद वितरण की व्यवस्था मंदिर परिसर में पांच स्थानों पर होगी। मेहंदी वितरण पूजा के बाद रात्रि 7:30 बजे से किया जाएगा। महिला एवं कन्याओं के लिए डोरा एवं मेहंदी की व्यवस्था अलग पंक्ति में होगी। मनोती सूत्र भक्ति संध्या व रात्रि जागरण का आयोजन भी होगा। शयन आरती 10 बजे होगी।
चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे गणपति, धारण करेंगे स्वर्ण मुकुट
26 अगस्त को भगवान गणेश जी महाराज का विशेष श्रृंगार होगा। इसमें भगवान को स्वर्ण मुकुट भी धारण कराया जाएगा। यह मुकुट साल में सिर्फ एक गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान को धारण कराया जाता है। भगवान को पोशाक धारण करवाई जाएगी।
चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे। श्रृंग दौरान गणेश जी को नौलखा हार जिसमें मोती, सोना, पन्ना, माणक आ भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं, धारण कराया जाएगा। यह नौलखा हार महंत प ने तीन महीने में तैयार किया है।
27 अगस्त को जन्मोत्सव और 28 अगस्त को भव्य शोभा यात्रा
इस उत्सव के मुख्य दिन यानी 27 अगस्त को जन्मोत्सव के दिन मंदिर में दर्शन सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ शुरू हो जाएंगे। इसके विशेष पूजन सुबह 11.20 बजे, श्रृंगार आरती 11.30 बजे, भोग आरती दोपहर 2.15 बजे, संध्या आरती शाम 7 बजे और शयन आरती रात्री 11.30 बजे होगी।
28 अगस्त को निकलेगी भव्य शोभायात्रा
28 अगस्त को भगवान श्री गणेश नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान डूंगरी गणेश मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। ये शोभा यात्रा श मोती डूंगरी मंदिर से निकलकर एमडी रोड, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, नाहरगढ़ रोड होते हुए गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचेगी।
एआई कैमरों से होगी निगरानी
नौ दिवसीय चलने वाले प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस उत्सव सुरक्षा और व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे आयोजन पर एआई कैमरों से कड़ी निगरानी रखी जाएगी।