जयपुर। सोम पुष्य नक्षत्र में सोमवार को प्रथम पूज्य गणेशजी का पंचामृत और दूध से अभिषेक किया गया। सिंदूरी चोला धारण कराकर अथर्वशीर्ष मंत्रोच्चार के साथ मोदक अर्पित किए गए। श्रद्धालुओं ने गणेश सहस्त्रनामावली का पाठ किया। गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में बाल रूप गणपति का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई। ऋतु पुष्पों से मनोरम श्रृंगार किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने झांकी के दर्शन किए।
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत पं. कैलाश शर्मा ने भगवान गणेश जी महाराज का 151 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद एवं केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र एवं गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया। सर्वप्रथम भगवान का गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाब जल से अभिषेक किया गया। पंचामृत अभिषेक कर गंगाजल से शुद्ध स्नान किया। श्री गणपति सहस्त्रनाम से 1001 मोदक अर्पित कर भगवान को फूल बंगले में विराजमान किया। खीर और मोदक का भोग लगाया।
गलता गेट स्थित मंदिर श्री गीता गायत्री जी में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में महागणपति का महाअभिषेक किया गया। दुग्ध, पंचामृत, विभिन्न तीर्थ जल और औषधि द्रव्यों से अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराया गया। मोदक का भोग लगाकर गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ किए गए।
यहां भी हुआ पुष्याभिषेक:
ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में महंत जय शर्मा के सान्निध्य में गजानन का पंचामृत कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। मोदक का भोग लगाया। बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजाधीश गणेश मंदिर में पंचामृत अभिषेक हुआ। गणेशजी का अभिषेक कर विशेष शृंगार किया गया। चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर मे प्रथम पूज्य का पंचामृत अभिषेक किया गया। महास्नान के बाद गणपति को नवीन पोशाक धारण करा शृंगार किया गया।
गणपति स्त्रोत अष्टोत्तरशतनाम के पाठ किए और मोदकों का भोग अर्पित किया गया। अमित शर्मा ने बताया कि इसके बाद गणेश जी के फूल बंगला और जल विहार की झांकी सजाई गई। बंगाली बाबा आश्रम गणेश मंदिर, सूरजपोल स्थित श्वेत सिद्धी विनायक गणेश मंदिर में भी गणपति का अभिषेक किया गया।