जयपुर। भारतीय मानक ब्यूरो ( बीआईए) राजस्थान की टीम ने ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म- अमेज़ोन के जयपुर में झोटवाड़ा स्थित वेयरहाउस पर भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के उल्लंघन के लिए तलाशी एवं जब्ती कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में उत्पाद जब्त किए गए। जिन्हें बिना मानक मुहर (आईएसआई मार्क एवं रजिस्ट्रेशन मार्क) विक्रय हेतुके लिए संग्रहित किया गया था। यह कार्रवाई निदेशक एवं प्रमुख बीआईएस राजस्थान कनिका कालिया के निर्देश पर बीआईएस के पांच अधिकारियों एवं अन्य सहायक कर्मचारियों द्वारा की गई। जिनमें रमन कुमार त्रिवेदी (संयुक्त निदेशक), दीपक लोदवाल (संयुक्त निदेशक), पवन कुमार (संयुक्त निदेशक), सुरेश कुमार गोपालन (उप निदेशक), संगीता चौधरी (उप निदेशक) शामिल थे।
कार्रवाई के दौरान 200 से अधिक श्रेणियों के कुल 2 हजार 678 निम्नलिखित उत्पाद जब्त किए गए। जिनमें से अधिकतम रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले उपभोक्ता उत्पाद जैसे खिलौने, सादा कॉपियर पेपर, एल्युमीनियम एवं स्टील के बर्तन, स्टील की बोतलें, इंसुलेटेड फ्लास्क, इलेक्ट्रिक केतली, सेनेटरी नैपकिन, बेबी डायपर, जूते-चप्पल, स्टोरेज वॉटर हीटर (गीज़र), इलेक्ट्रिक जूसर मिक्सर ग्राइंडर, पैरों की मालिश करने के इलेक्ट्रिक उपकरण, कीटनाशक (मच्छर मारने के लिए) उपकरण, इलेक्ट्रिक कॉफी मेकर, त्वचा और बालों की देखभाल के उपकरण (हेयर स्ट्रेटनर, हेयर ड्रायर इत्यादि), एयर फ्रायर, घरेलू उपयोग के लिए आरओ वाटर प्यूरीफायर, हैंड ब्लेंडर, मोबाइल फोन, वायरलेस हेडफोन, स्टेनलेस स्टील रसोई सिंक, वायरलेस ईयरफोन, वैक्यूम क्लीनर, वीडियो गेम, ब्ब्ज्ट कैमरा कीबोर्ड, माउस इत्यादि।
एमआरपी के आधार पर जब्त किए गए उत्पादों का अनुमानित मूल्य एक करोड़ रुपए से अधिक आँका गया है। जानकारी के अनुसार ये उत्पाद भारत सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न गुणता नियंत्रण आदेशों एवं सूचना प्रौद्योगिकी वस्तुएं (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकताएं) आदेश, 2021 के तहत अनिवार्य प्रमाणन पध्दती के अंतर्गत आते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो के वैध प्रमाणन लाइसेंस के बिना इन उत्पादों का निर्माण, विक्रय, संग्रहण, आयात इत्यादि भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 की धारा 29 के अंतर्गत एक दंडनीय एवं संज्ञेय अपराध है जिसकी सज़ा प्रथम उल्लंघन पर न्यूनतम 2 लाख रुपए एवं द्वितीय या उसके बाद के उल्लंघनों के लिए न्यूनतम 5 लाख रुपए जुर्माना (जोकि उल्लंघित वस्तुओं के मूल्य के दस गुणा तक हो सकता है) या अधिकतम दो वर्ष की कारावास या दोनों है।