जयपुर। दिल्ली रोड चरणगढ़ स्थित संत श्री खाकी बाबा बालाजी महाराज में चल रहे 51 कुंडीय श्रीराम मारुति महायज्ञ में सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियां अर्पित कीं। विभिन्न औषधि युक्त हवन सामग्री से यज्ञशाला सुवासित हो उठी।
यज्ञाचार्य डॉ. महेंद्र मिश्रा ने यज्ञ के ज्ञान-विज्ञान पर प्रवचन करते हुए कहा कि यज्ञ संसार का सबसे सबसे सर्वोत्तम कर्म है। यज्ञ से समस्त लौकिक और पारलौकिक मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यज्ञ से मनुष्य, देव, पितर ही नहीं पूरा ब्रह्मांड तृप्त होता है। यज्ञ से वर्षा, वर्षा से जल, अन्न तथा अन्य और जल से ही समस्त जीवन संभव है।
विष्णुधर्मोत्तर पुराण और कूर्म पुराण के अनुसार यज्ञ से देवगण और पितृगण जीवित रहते हैं, देवताओं के आधीन समस्त प्रजा रहती हैं और यज्ञ के आधीन समस्त देवता रहते हैं । यज्ञ ही भगवान् विष्णु हैं, विष्णु भगवान् में ही सब प्रतिष्ठित रहते हैं। यज्ञ के लिए देवताओं तथा औषधियों की सृष्टि की गई है। भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ के लिए ही मनुष्यों की सृष्टि कर उनसे कहा यज्ञ सब का कल्याण करने वाला है। अत: यज्ञ में तत्पर रहो। यज्ञ के अवशिष्ट भाग का भोजन करने वाले समस्त पापों से मुक्त हो जाते हैं।
यज्ञ ही संसार के समस्त पापों को नष्ट करता है। यज्ञ से पूर्व देव पूजन हुआ। गणेश-गौरी, वास्तु, कलश, नवग्रह आदि का पूजन कर आरती उतारी। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञशाला की परिक्रमा की। यज्ञ की पूर्णाहुति रविवार, 16 जून को होगी।