जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में वर्तमान स्थिति में भारत सरकार द्वारा आमजन की सुरक्षा के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने और संस्थान में भर्ती मरीजों, विद्यार्थियों और स्टाफ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस मीटिंग में संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, प्रोफेसर अनुपम श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुदीप्त रथ, डॉक्टर हरीश भाकुनी, डॉ. आभा सिंह, संयुक्त निदेशक जेपी शर्मा, उपनिदेशक चंद्रशेखर शर्मा, वरिष्ठ अधिकारियों, चिकित्सा विशेषज्ञों और सुरक्षा कर्मचारियों ने आपातकालीन परिस्थितियों में ब्लैकआउट और अन्य सुरक्षा उपायों पर गहन चर्चा की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आपातकालीन स्थिति में मरीजों, विद्यार्थियों और स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी साथ ही संस्थान में मेडिकल सुविधाओं का संचालन, फायर फाइटिंग सिस्टम, ऑक्सीजन की सप्लाई, आपातकालीन परिस्थितियों में दवाइयो का स्टॉक के साथ एंबुलेंस का संचालन, बिजली की आपूर्ति, भोजन की आपूर्ति के साथ आपातकालीन परिस्थितियों में होने वाली तैयारी को देखा गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा आज देश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार और हमारी शौर्यवीर सेना के साथ पूरा देश आज खड़ा है। इस समय देश के जिम्मेदार नागरिक एक भारतीय होने के नाते हमारी भी देश के प्रति जिम्मेदारी है। देशप्रेम और इसकी सुरक्षा के प्रति हमारी कर्मठता ओर निष्ठा के साथ हम अपना योगदान दे सकते है।
हमारा उद्देश्य सिर्फ उपचार प्रदान करना नहीं, बल्कि मरीजों, विद्यार्थियों और स्टाफ की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है। हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं और सभी सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करेंगे। भारत सरकार द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का संस्थान द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा, आज देशहित में संस्थान का प्रत्येक चिकित्सक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी देश के साथ खड़ा है।
ब्लैकआउट के दौरान मरीजो, विद्यार्थियों ओर स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है। संस्थान में कार्यरत स्टाफ और विद्यार्थियों के साथ मरीजो के बचाव और सुरक्षा हेतु मॉकड्रिल भी की जाएगी। आपातकालीन स्थिति में संस्थान के अंदर सुरक्षा के लिए संस्थान में कार्यरत शिक्षकों, चिकित्सको अधिकारियों कर्मचारी और विद्यार्थियों को जानकारी दी गई।
इसके अलावा, संस्थान के सभी प्रवेश और निकासी मार्गों को साफ और व्यवस्थित रखने, आपातकालीन लाइटिंग व्यवस्था को सही बनाए रखने, और स्वास्थ्य सेवाओं के स्थिर संचालन के लिए आवश्यक उपायों पर भी चर्चा की गई। सभी चिकित्सक, कर्मचारी और विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना के दौरान वे त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें। इस बैठक के दौरान सभी संबंधित पक्षों ने सामूहिक रूप से सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की और आवश्यक सुधारों को प्राथमिकता दी।