नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए एक संघीय व्यापार अदालत ने उनके प्रस्तावित ‘लिबरेशन डे’ आयात शुल्क के क्रियान्वयन को खारिज कर दिया। अदालत के अनुसार ट्रंप ने अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
मैनहट्टन में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में तीन न्यायाधीशों के पैनल ने बुधवार (अमेरिकी समयानुसार) को निर्धारित किया कि अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष चलाने वाले देशों पर ट्रंप के कर्तव्यों ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (आईईईपीए) के तहत राष्ट्रपति पद को दी गई शक्तियों के दायरे का उल्लंघन किया है।
ट्रंप प्रशासन ने आईईईपीए का संदर्भ देते हुए टैरिफ का बचाव करने की मांग की। अधिकारियों ने दावा किया कि व्यापार असंतुलन से उत्पन्न राष्ट्रीय खतरे का सामना करने के लिए (विशेष रूप से चीन और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ) ट्रंप की कार्रवाई आवश्यक थी।
उन्होंने अदालत को चेतावनी दी कि टैरिफ को रोकना चीन के साथ चल रहे व्यापार शांतिदूत वार्ताओं को खतरे में डाल सकता है और संभावित रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर से भड़का सकता है। अदालत की फाइलिंग में ट्रंप की कानूनी टीम ने तर्क दिया है कि राष्ट्रपति ने साउथ एशिया में हालात को कम करने के लिए अपने आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का रणनीतिक रूप से उपयोग किया है।