जयपुर। सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में शुक्रवार को व्यासपीठ से वृंदावन की धीर समीर पीठ के महंत मदन मोहन दास जी महाराज ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कराया। श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण जी महाराज ने प्रारंभ में व्यासपीठ और भागवत जी का पूजन किया।
मदन मोहन दास जी महाराज ने कहा कि ठाकुरजी की बाल लीलाओं का आनंद लेने के लिए स्वर्ग से देवी-देवता, हिमालय पर तप करे ऋषि-मुनि वेश बदलकर गोकुल में आए। भगवान भोलेनाथ भी मनिहारिन का वेश बनाकर ठाकुरजी के दर्शन करने पहुंचे। गोवर्धन धारण की लीला प्रसंग में उन्होंने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने के लिए ठाकुरजी ने गोवर्धन पर्वत धारण किया। जल,जंगल, जमीन तीनों ही जीवन का आधार है। ये प्रत्यक्ष देवता है।
श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि शनिवार को सुबह दस से दोपहर बारह बजे तक ही कथा होगी। रविवार को आचार्य महामुनीन्द्र शुकदेव महाराज की जयंती महोत्सव पर दोपहर साढ़े बारह से शाम साढ़े पांच बजे तक बधाई उत्सव मनाया जाएगा।
भक्त के मान की रक्षा करते हैं भगवान:
आदर्श नगर के श्रीराम मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह परायण ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को जड़ भरत चरित्र, अजामिल चरित्र, नृसिंह अवतार और प्रहलाद चरित्र की कथा हुई। व्यास पीठ से आचार्य श्री लाल जी भाई बिहारी श्रीजी ने कहा कि दृढ़ निष्ठा से भक्ति करने वाले भक्त की भगवान हर पल रक्षा करते है। भक्त के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखते है। कथा के आयोजक जय प्रकाश शर्मा, सुषमा शर्मा ने बताया कि 26 अप्रेल को श्री बलि वामन संवाद के बाद राम जन्मोत्सव की कथा के बाद नंदोत्सव मनाया जाएगा।