जयपुर। इंटरनेशनल टाइगर डे के अवसर पर सोमवार को जवाहर कला केन्द्र में जारी जयपुर टाइगर फेस्टिवल (जेटीएफ) के अंतर्गत ‘टाइगर टेल्स’ टॉक सेशन का आयोजन हुआ। 5 बार के प्रेसिडेंट अवॉर्ड विजेता और विश्व विख्यात वाइल्ड लाइफ फिल्म मेकर एस. नल्लामुथु, टाइगर मैन के नाम से प्रसिद्ध दौलत सिंह शक्तावत, महाराष्ट्र ईको टूरिज्म बोर्ड की गर्वनिंग काउंसिल के मेंबर और स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पूर्व सदस्य सुनील मेहता ने विचार रखे। डॉ. सुदीप्ति अरोड़ा ने सत्र का मॉडरेशन किया। राजस्थान हेरिटेज, आर्ट एंड कल्चरल फाउंडेशन की ओर से बाघों की दुनिया का दीदार कराने के लिए चार दिवसीय जेटीएफ का आयोजन 30 जुलाई तक जवाहर कला केन्द्र की अलंकार गैलरी में किया जा रहा है।
टॉक से पूर्व एस. नल्लामुथु द्वारा फिल्माए गए टाइगर एंथम और डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गयी जिसे देखकर सभी रोमांचित हो उठे। टॉक में मुख्यत: टाइगर प्रोजेक्ट के आशाजनक परिणाम, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म से आर्थिक उन्नति, प्राकृतिक संतुलन, रोजगार देने व भारतीय संस्कृति में बाघों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। सुनील मेहता ने बताया कि टाइगर की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वेदों में उसे पानी का देवता बताया गया है क्योंकि बाघ है तो जंगल है, जंगल है तो पानी है।
दौलत सिंह शक्तावत ने टाइगर प्रोजेक्ट के बाद बाघ संरक्षण में आए बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने प्रेजेंटेशन के जरिए बाघों के आवास, आबादी और जीवन पर भी प्रकाश डाला। एस. नल्लामुथु ने बताया कि फिल्म मेकिंग बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि बाघों की जिंदगी से दुनियाभर को रूबरू करवाने की जिम्मेदारी भारतीयों को उठानी होगी क्योंकि विश्व में बाघों की आबादी के 70 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। आज सोशल मीडिया का इतना प्रभाव है, टाइगर आधारित कंटेंट से भारतीय संस्कृति के जीव संरक्षण के सिद्धांत को दुनियाभर में पहुंचाना है। टॉक के बाद जेटीएफ के पार्टिसिपेंट्स को सर्टिफिकेट वितरित किए गए।
इधर प्रदर्शनी में बगरू विधायक कैलाश वर्मा, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के जीएम अमिताभ समेत अन्य गणमान्य जनों ने हिस्सा लिया और जेटीएफ की सराहना की। स्टूडेंट्स भी बाघों से दुनिया से रूबरू होने में पीछे नहीं है। सोमवार को सेंट जेवियर, स्वास्थ्य कल्याण योगा कॉलेज, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी, महावीर पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज कोर्ट स्कूल, वॉरेन एकेडमी, एसएमडीजे, एस.एस. जैन सुबोध गर्ल्स कॉलेज, एमजीडी स्कूल, आईआईएस यूनिवर्सिटी, अवधपुरी राजकीय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय नं. 1, वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल, पोद्यार स्कूल और एनसीसी जयपुर के कैडेट्स ने हिस्सा लिया।