जयपुर। हवाई हमले व आपदा के मध्यनजर एसडीआरएफ ने जन जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत जन जागरुकता कार्यक्रम के तहत सात स्थानों पर हवाई हमले और आपदा को मध्यनजर रखते हुए सात स्थानों पर मॉक ड्रील करवाई। एसडीआरएफ बटालियन,मुख्यालय गाडोता, मौजमाबाद के नेतृत्व में इस मॉक ड्रील का आयोजन किया गया।
एसडीआरएफ जयपुर के कमाण्डेंट राजेद्र सिसोदिया ने कि राज्य आपदा प्रतिसाद बल,राजस्थान की रेस्क्यू टीमों के तत्वावधान में लगातार राज्य के महत्वपूर्ण ,सार्वजनिक ,राजकीय स्थानों, महाविद्यालयों,तीर्थं स्थलों,उद्योगों,रेलवे स्टेशनों,बस अड्डों,हवाई अड्डों,अस्पतालों इत्यादि स्थानों पर स्थानीय प्रशासन के साथ संयुक्त कार्रवाही करते मॉक ड्रील एव जन जागरुकता कार्यक्रमों का सात स्थानों पर आयोजन किया गया।
जिसमें नागरिकों को किसी भी आपदा या हवाई हमलों की स्थिति में तैयार रहने एवं उपयोग में ली जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों के बारे में जागरुक किया गया। एसडीआरएफ टीम ने 7 मई से लेकर अब तक 30 मॉक ड्रील तथा 175 जन जागरुक कार्यक्रमों का आयोजन कर चुकी है। जो अभी तक निरंतर जारी है। टीम ने 26 मई तक उदयपुर के पॉवर हाऊस चौराहा उदयपुर , के जी कंपनी 14वां आरएसी दईजर, जोधपुर,14वीं बटालियन आरएसी मुख्यालय पहाड़ी डीग, शीतला माता मंदिर गेटोर जगतपुरा जयपुर,चारण छात्रावास,व्यास कॉलोनी बीकानेर,ग्राम छातडी, अजमेर,7वीं राज एनसीसी,भुवनेश उच्च माध्यमिक विद्यालय नयापुरा ,कोटा में मॉक ड्रील व जन जागरुक कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है।
मॉक ड्रील में अभी तक इन बिन्दुओं पर किया जागरुक
एसडीआरएफ राजस्थान जयपुर ने मॉक ड्रील के माध्यम से अभी तक हवाई हमले के दौरान रेस्क्यू टीमों के माध्यम से क्षतिगस्त भवनों को सुरक्षित करना,घायलों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालना एवं प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भिजवाना आदि का अभ्यास किया है। इसी के साथ जन जागरुकता कार्यक्रम में हमले के दौरान आमजन को स्वयं एवं परिजनों को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाए,इसकी जानकारी दी गई है। हवाई हमले,आपदा के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों एवं आपदा की स्थिति में की जाने वाली राहत एवं बचाव तकनीकों के बारे में जागरुक किया है।