जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में गत एक मई से चल रहीं शिव महापुराण कथा का बुधवार को समापन हुआ। प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से विद्याधर नगर की सड़के खचाखच भर गई। इसी के साथ स्टेडिम में बने बडे़ -बड़े पांड़ाल भी आस्था की भीड़ के आगे छोटे नजर आए। जब श्रद्धालुओं को पांडाल में जगह नहीं मिली तो वो सड़कों पर ही चादर बिछाकर बैठ गए और वहीं से कथा सुनी। जिसके बाद सड़कों पर जाम की स्थित बन गई।
विद्याधर नगर स्टेडियम में बुधवार को कथा के प्रारंभ होते ही कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने पाकिस्तान में चल रहे युद्ध को लेकर कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा- सोशल मीडिया पर युद्ध एवं बिल्वपत्र के बारे में गलत प्रचार हो सकता है। ऐसी अफवाहों पर ध्यान मत देना।
इसी दौरान उन्होने कहा कि -हम सबको एक बीमारी लग गई है। आज का काम कल पर टालने की। इससे सभी परेशान है। शिवमहापुराण की कथा में शंकर भगवान ने माता पार्वती से कहा है कि कल कभी नहीं आता। कल की बीमारी आजकल के नवयुवक-युवतियों को लग गया है। कल का कोई भरोसा नहीं है। जो करना है आज करो। कल पर छोड़ना सही नहीं। आज से बढ़कर दुनिया का कोई मुहूर्त नहीं।
जयपुर शिव एवं गोविंददेवजी की नगरी
जयपुर में मेरी कोई किसी के यहां रिश्तेदारी नहीं है। लेकिन जयपुर को छोटी काशी कहते है और काशी मेरे शिव का स्थान है। इसलिए मेरा जयपुर से संबंध हो चुका है। जयपुर शिव की नगरी है। भगवान श्री गोविंददेवजी की नगरी है। कई बार जब मैं कथा के बीच में लोगों के आए पत्र पढ़ता हूं तो अफवाहें उड़ने लगती है कि इनमें मेरे ही लोग है। सोशल मीडिया पर कई बार ऐसे पोस्ट आते है जिसमें ऐसा बताते है कि ये पत्र बनावटी है। लेकिन मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि ये सारे पत्र आप ही लोगों के बीच से आते है। जयपुर में इतने पत्र आए है। यह अपने आप में अनूठा है।
जयपुर की धरती पर महाकुंभ जैसा नजारा, आयोजकों को दिया धन्यवाद
प्रदीप मिश्रा ने कहा- इतने बड़े कथा के आयोजन में आयोजकों के साथ शहर के लोग और पुलिस प्रशासन ने पूरा सहयोग किया, सभी का धन्यवाद। विद्याधर नगर आयोजन समिति के मुख्य आयोजक और कार्यक्रम संयोजक राजन शर्मा एवं सचिव अनिल संत ने बताया- सात दिनों तक देश भर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने यहां आकर शिव कथा का श्रवण किया। छोटी काशी कही जाने वाली जयपुर की धरती पर महाकुंभ जैसा नजारा देखने को मिला। कथा का सफलतापूर्वक समापन हुआ। हमारी टीम पिछले 2 महीने से आयोजन को सफल बनाने के लिए दिन रात काम कर रही थी। पुलिस प्रशासन और राजस्थान सरकार का सहयोग रहा। समिति सभी का आभार व्यक्त करती है।
समापन पर प्रतिक चिन्ह देकर किया सम्मान
कथा समापन के अवसर पर मुख्य यजमान सुधीर अग्रवाल (राजधानी क्राफ्ट), रामावतार गुप्ता (अंबर विलास), राजन शर्मा (मारुती कास्टिंग), आलोक अग्रवाल (भैरव ग्रुप) का कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने माला और बिल्व पत्र देकर आशीर्वाद दिया। वहीं कार्यकर्ता प्रहलाद दादिया, कोशल शर्मा, दीपक गर्ग, प्रदीप कविया, राजेश तांबी, राजेंद्र कासलीवाल, राकेश दुसाध, बजरंग नेता सचिन मंडप, बनवारी खटोड, सुभाष शर्मा, पंकज गोयल, गोपेश शर्मा, रोहित रॉयल, सुरेश जांगिड़, महेश अग्रवाल, टिंकू राठौड़, कमल अग्रवाल, जितेंद्र शर्मा, लोकेश लक्ष्यकार, जय गांधी, संतोष मिश्रा और विनय मिश्रा का प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
1 हजार पुलिस कम पड़े, बैरिकेडिंग लगा कर रास्ता किया बंद
पांडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ भरने के बाद स्टेडियम के बाहर करीब डेढ़ किलोमीटर तक श्रद्धालु सड़कों पर चादर बिछाकर बैठ गए, जिसके बाद रास्ता में ओर भी जाम की स्थिति बन गई। जिसके बाद करीब 1 हजार पुलिसकर्मियों ने मिलकर पांडाल से भीड़ को बाहर निकालने का प्रयास किया। लेकिन लिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी और जाम की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए 1 हजार पुलिसकर्मी भी कम पड़े गए। जिसके बाद पुलिस ने पांडाल से काफी दूरी पर बैरिकेडिंग लगाकर जाम की स्थिति को नियंत्रण में लिया।
कथा के समापन के बाद भी पांडाल में डटे रहे श्रद्धालु, दो से तीन घंटे लगे पांडाल खाली करवाने में बुधवार सुबह 8 बजे जैसे ही कथा प्रारंभ हुई वैसे ही श्रद्धालुओं को जहां जगह मिली, वहीं बैठ गए। पांडाल में कथा सुनने दूर से आए श्रद्धालुओं के लिए खाने और पीने के पानी की सेवा दी गई। कथा के समाप्त होने के बाद भी श्रद्धालु पांडाल से बाहर नहीं निकले। ऐसे में पुलिस और आयोजकों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। कथा समापन के करीब 2 से 3 घंटे तक पुलिस ने अतिरिक्त जाब्ता लगाकर पांडाल खाली करवाया।