जयपुर। जवाहर कला केंद्र में रविवार का दिन उस समय दिलकश हो गया जब मोहम्मद रफी के नगमों के साथ-साथ उनकी बातों और लाइफोग्राफी ने कला प्रेमियों को भाव विभोर कर दिया। मौका था जवाहर कला केन्द्र की ओर से कला संसार मधुरम के अंतर्गत आयोजित साहित्य, संगीत और रंगमंच के तीन दिवसीय उत्सव का। मो. रफी की जयंती के अवसर पर ‘मृदुल स्पर्श’ नामक संवाद सत्र में रंगायन में बैठे दर्शक मो.रफी से जुड़े कई किस्से कहानियों से रूबरू हुए। मॉडरेटर के तौर पर फिल्मकार मोना राणे और वक्ता के तौर पर वृतचित्र निर्देशक व लेखक एवं फिल्मकार दीपक महान और फिल्म निर्माता निर्देशक रजनी आचार्य उपस्थित रहे। इस दौरान जेकेके की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
दीपक महान और रजनी आचार्य ने न केवल मोहम्मद रफी को याद किया, उनकी लाइफोग्राफी के बारे में दर्शकों को बताया। बाद में दर्शकों की ओर से पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। इसके बाद दास्तान-ए-रफी की फिल्म स्क्रीनिंग भी रखी गयी। दो घंटे की इस स्क्रीनिंग में मोहम्मद रफी की जिंदगी के कई देख अनदेखे पहलूओं को दिखाया गया। इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन रजनी आचार्य ने किया है। रफी साहब की इस लाइफोग्राफी में 60 से अधिक एक्टर और कॉ सिंगर्स ने मोहम्मद रफी के बारे में बात की उनके कई सारे राज को सांझा किया। उनके बचपन की कुछ खास यादों को भी इस स्क्रीनिंग में समेटा गया है।
क्लासिक सिंगर पं.जसराज, पाकिस्तानी सिंगर गुलाम अली, उषा थिमोरी, म्यूजिक डायरेक्टर अमर हल्दीपुर, आनंद जी, भजन सम्राट अनूप जलोटा, संजीव कोहली, जावेद अली, कैलाश खेर, रूप कुमार राठौड़, म्यूजिक डायरेक्टर रवि, लेख टंडन, सुमित मिश्रा, राजू नौशाद, रविन्द जैन, विपिन रेशमिया आदि ने इस लाइफोग्राफी में रफी साहब बारे में अपने विचार रखे। पाकिस्तानी सिंगर सालिमा असलम, आमिर अली और कामरान ने भी अपने वतन में मोहम्मद रफी के गानों को गाने के बाद अपने अनुभवों को बताया। एक्टर ऋषि कपूर, रणधीर कपूर, शम्मी कपूर सहित कई सारे स्टार सेलेब्स ने भी मोहम्मद रफी की कई सारी यादों को साझा किया। इस दौरान उनके कई सारे एवरग्रीन गानों को फ्रेम पर दिखाया गया जिसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए।
याद-ए-रफी में बही संगीत की बहार
कार्यक्रम के अंतिम पायदान पर डॉ.प्रदीप चौधरी ने मोहम्मद रफी के गीतों को अपनी आवाज देकर मंच को गूंजायमान कर दिया। कारवां की शुरुआत चोधवी का चांद से की। उसके बाद ये चांद सा रोशन चेहरा, ऐहसान तेरा होगा मुझ पर गीतों को गाकर जमकर तालियां बंटोरी। इस संगीत संध्या में उन्होंने 10 से 12 गीत गाकर श्रोताओं को मंच मुग्ध कर शाम को रफी’मय बना दिया।