July 13, 2025, 7:21 pm
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नाटक में दिया संदेश, ‘बिना विचारे जो करे, वो पाछे पछताए’

जयपुर। आम घटनाओं के माध्यम से भारतीय लोगों के विदेशी आकर्षण पर कटाक्ष करते हुए कलाकारों ने मंच से संदेश दिए तो कला प्रेमी रोमांचित हो गए। मौका रहा शुक्रवार को जवाहर कला केंद्र द्वारा आयोजित जयपुर नाट्य समारोह के दूसरे दिन का। यहां नाटक ‘जैसा तुम कहो’ का मंचन किया गया। नाटक का लेखन जयवर्धन व निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी केशव गुप्ता ने किया।

नाटक में दिखाई दिया पूरा फैमिली ड्रामा

नाटक ‘जैसा तुम कहो’ बिना विचारे जो करे वो पाछे पछताय कहावत को चरितार्थ करता दिखाई दिया। नाटक एक फैमिली ड्रामा है, जिसमें पति-पत्नी की नोक-झोंक के माध्यम से डायरेक्टर ने कहानी को आगे बढ़ाया। बच्चों के विदेशों में सैटल हो जाने के दर्द को भी रेखांकित करने की कोशिश की गई। नौकर की भूमिका को विदूषक की तरह पेश किया गया। नाटक में आम घटनाओं से भारतीय लोगों के विदेशी आकर्षण पर कटाक्ष किया तो दर्शक कलाकारों को प्रोत्साहित करते नजर आए।

एकाकीपन दूर करने की जुगत

कहानी में वृद्ध दंपती का बेटा विदेश में सेटल हो जाता है। दंपती एकाकीपन को दूर करने के लिए किराएदार रख लेते हैं, जो मालकिन के गांव का होने के कारण मालकिन उससे किराया न लेकर उसकी आर्थिक मदद करती रहती है। इससे उनके दांपत्य जीवन में कलेश पैदा हो जाता है, जिससे निकालने में उनका नौकर अहम भूमिका निभाता है। इसी बीच उनका बेटा विदेश से वापस आ जाता है और नाटक का हास्य व रोमांचक अंत होता है। अर्जुन देव, रिचा पालीवाल, महेश महावर, माधव शर्मा और वैष्णवी शर्मा ने मंच पर विभिन्न भूमिका निभाई।

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