जयपुर। जवाहर सर्किल स्थित गोकुल वाटिका में टांक महिला ग्रुप की महिलाओं ने गणगौर उत्सव धूमधाम से मनाया और गणगौर माता की विशेष पूजा-अर्चना की ।संस्था की अध्यक्ष मंजू टांक के नेतृत्व में विशेष पूजन किया गया। इस दौरान ममता टांक, रश्मि, आस्था, मुस्कान, प्रियंका, नूपुर, शालू, नीलू और अक्षी सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं। उन्होने बताया कि गणगौर का त्योहार होलिका दहन के दूसरे दिन से शुरू होता है। यह 16 दिन तक चलता है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक इसे मनाया जाता है। शीतलाष्टमी के बाद से घर-घर में गणगौर और बिंदौरा देने की परंपरा शुरू हो जाती है।
महिलाएं इस अवसर पर परंपरागत गीत गाती हैं। ‘नखराली महारी गणगौर’ और ‘मार्च महीना निकलेगी गणगौर’ जैसे गीत गाए जाते हैं। महिलाएं काजल, मेहंदी, हल्दी और सिंदूर की बिंदी लगाकर अमर सुहाग की कामना करती हैं। गणगौर के सिंजारा कार्यक्रम में छोटी बालिकाओं और महिलाओं ने दूल्हा-दुल्हन का भेष धारण किया। जगह-जगह ईशर गणगौर की अगवानी की गई।
महिलाएं मंगल गीतों के साथ पूजन कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।पूरे जयपुर में हर मोहल्ले और कॉलोनी में गणगौर पूजन का नजारा देखने को मिला। महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती स्वरूप ईसर-गणगौर का पूजन करती हैं। माता गौरी के समक्ष सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है। दूब और पानी से गणगौर माता को छींटे लगाकर पूजन किया जाता है।