जयपुर। उत्तर भारत में कृषि के क्षेत्र में पेश आ रही प्रमुख चुनौतियों के समाधान के उद्देश्य से रासी सीड्स एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर काम कर रही है, जिसे ‘रासी मित्र’ नाम दिया गया है। यह एक कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) कार्यक्रम है। इसे प्रभावशाली किसानों के साथ ज्ञान और कौशल साझा करने हेतु खासतौर से डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे चुनौतियों से निपटने की नवीनतम कृषि प्रणालियों को अपना सकें। यह कार्यक्रम का किसानों की आय में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
‘रासी सीड्स’ में कपास व्यवसाय के मार्केटिंग प्रमुख, सत्यनारायण राव एचजी ने कहा, ‘रासी मित्र’ ने न केवल पंजीकृत किसानों की कृषि विशेषज्ञता को बढ़ाया है, बल्कि पूरे भारत में व्यापक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हुए एक लहर भी पैदा की है। यह जानकार किसानों के एक समुदाय का पोषण करता है, जो भविष्य के लिए व्यापक भलाई और टिकाऊ कृषि प्रणालियों के लिए अंतर्दृष्टि साझा करते हैं।’
अनिश्चित पैदावार, अनियमित मौसम पैटर्न, उभरते कीट व बीमारियाँ, और पारंपरिक खेती के तौर-तरीकों की सीमाओं ने कृषि क्षेत्र को लंबे समय से प्रभावित किया है। इसे ध्यान में रखते हुए, ‘रासी मित्र’ व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित समाधान पेश कर रहा है, जिससे क्षेत्र में कृषि का परिदृश्य बदल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुल 464 किसानों सहित देशभर में 10 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है। हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में किसानों को ‘रासी मित्र’ कार्यक्रम के तहत व्यक्तिगत सलाह दी जा रही है, जिससे उन्हें स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप अपनी कृषि प्रणालियों को अनुकूलित करने में मदद मिल रही है।
कार्यक्रम के प्रभाव को हाल ही में नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित ‘सस्टेनेबल एग्रीकल्चर समिट एंड अवार्ड्स 2024’ में उस वक्त विशेष पहचान मिली, जब इसे ‘एक्सटेंशन एंड ट्रेनिंग एक्सिलेंस अवार्ड’ से पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार आज के कृषि परिदृश्य में चुनौतियों से पार पाने और फलने-फूलने के लिए किसानों को आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने में ‘रासी मित्र’ की भूमिका को स्वीकार करता है।
‘रासी मित्र’ कार्यक्रम कृषि प्रणालियों की समग्र दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है। कई किसान पारंपरिक रूप से पीढ़ियों से चले आ रहे तरीकों पर भरोसा करते हैं। पारंपरिक तरीके मूल्यवान होते हुए भी आधुनिक कृषि की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक तकनीकी प्रगति से युक्त नहीं होते हैं। ‘रासी मित्र’ किसानों को व्यक्तिगत कृषि संबंधी सलाह प्रदान करके इस अंतर को पाटता है, जिससे उन्हें अपनी खेती की तकनीकों को अनुकूलित करने की क्षमता प्राप्त होती है। इसमें बुआई, सिंचाई, कीट प्रबंधन और पोषक तत्वों के अनुप्रयोग के लिए सर्वोत्तम प्रणालियों पर मार्गदर्शन शामिल है, जिसका उद्देश्य फसल क्षमता और लाभ को अधिकतम करना है।