जयपुर। आचार्य सौरभ सागर महाराज सांगानेर संघी जी मंदिर से विहार कर त्रिवेणी नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री को जुलूस के रूप में मंदिर जी लाया गया जहां मार्ग में जगह- जगह महाराज श्री का पाद प्रक्षालन किया गया। जुलूस में महिला मंडल की सदस्या सिर पर मंगल कलश लेकर चल रही थी। मंदिर जी पहुंचने पर मंदिर समिति ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया। इस अवसर पर महिला मंडल व युवा मंडल सहित बड़ी संख्या में समाज बन्धु उपस्थित थे।
संत भबन पहुंचने पर कार्यक्रम में आचार्य श्री ने अपना मंगल उद्बोधन दिया। आज के परिवेश में सीख देते हुए आचार्य जी ने कहा कि व्यक्ति का जीवन व्यतीत हो रहा है फिर भी एहसास नहीं हो रहा है कि कभी अपने जीवन का परिमार्जन भी किया हो वह अपने भीतर की परमात्मा की कभी सफाई की हो इसलिए श्रावक को प्रतिदिन पांच से दस मिनट शास्त्र वाचन करना चाहिए। आचार्य श्री का प्रवास श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर त्रिवेणी नगर (संत भवन) जयपुर में रहेगा।