जयपुर। बस चालक और परिचालकों में बदमाशों का खौफ व्याप्त है। पुलिस के स्टिंग ऑपरेशन के बाद भी इन बदमाशों की दादागिरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते जालूपुरा थाना इलाके में अवैध वसूली को लेकर बस परिचालक से बदमाशों ने डंडे से जमकर मारपीट की। जब पीड़ित शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो पुलिस ने मामला दर्ज करने की बजाय उसे धमका कर भेज दिया। इसके बाद परिचालक पार्षद के साथ थाने पहुंचा तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया।
उनकी मुख्य बाजार में परेड निकाली। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को ही बस परिचालक से अवैध वसूली के लिए मारपीट का मामला सामने आ गया। मारपीट और अवैध वसूली की पूरी वारदात बस में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। इसमें वारदात करने वाले आरोपी साफ दिखाई दे रहे हैं।
इसमें बदमाश दो अलग-अलग बस में कंडक्टर की पिटाई करते दिख रहे हैं। मारपीट की घटना 2 अप्रेल को सुबह 10.50 बजे की है। इस दौरान दो बस वनस्थली मार्ग से होकर निकल रही थी। बदमाश जबरन गाड़ी में घुसे और बस के कंडक्टर मुकेश के साथ मारपीट शुरू की। इसके बाद दूसरी बस के कंडक्टर निर्भय सिंह के साथ मारपीट की गई।
थानाधिकारी हवा सिंह मांगवा ने बताया कि लोक परिवहन बस संचालक कल शिकायत लेकर आए थे। शिकायत के दौरान पीड़ितों ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई। बस संचालक को लेकर यह विवाद हुआ है। अवैध वसूली वाली बात गलत है। हम ने एफआईआर दर्ज कर ली है। जिस पर जांच की जा रही है। किसी के साथ मारपीट करने का किसी को हक नहीं है। सीसीटीवी में दिखाई दे रहे सभी बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए टीम दबिश दे रही है।
जल्द सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। सीनियर अधिकारी तय करेंगे की ये बसें यहां से चलेगी या फिर दूसरे रूट से। बस मालिक अशोक गुर्जर ने बताया कि उनकी बस जयपुर से दौसा चलती हैं। नारायण सिंह सर्किल पर बस रोकने के लिए मना हो गया है। इस पर आरटीओ ने कहा कि सिंधी कैम्प होते हुए बस को निकाल लो। हमारी पहली बस जब वनस्थली मार्ग से निकली तो करीब आधा दर्जन बदमाश बस में जबरन घुसे। कंडक्टर के साथ मारपीट करने लगे और पैसा मांगा।
इसके बाद दूसरी बस निकली। उसके कंडक्टर पर गेट पर ही डंडों से हमला कर दिया। ये लोग प्रति बस 500 रुपए की मांग रहे थे। दोपहर दो बजे बस थाने पहुंचकर मैने खुद ने थाने में जाकर शिकायत की, लेकिन पुलिस ने पहले शिकायत नहीं ली। इस पर पुलिस ने लेने से मना किया। स्थानीय पार्षद रवि सैनी ने बताया कि उनके परिचित अशोक गुर्जर होने पर उन्होंने उन्हें फोन पर सूचना दी जिसके बाद डीसीपी और जयपुर कमिश्नर से बात की गई जिसके बाद एफआईआर रात को दर्ज हुई।