जयपुर। वर्तमान में साइबर ठग व्हाट्सएप प्रोफाइल पर कंपनी या फर्म के अधिकारी की फोटो लगाकर ठग रहे हैं। ठग किसी कंपनी के उच्च अधिकारी जैसे चेयरमैन,एमडी या अन्य वरिष्ठ अधिकारी की फोटो को अपने व्हाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर के रूप में इस्तेमाल कर अपने कनिष्ठ अधिकारी या कार्मिक को मीटिंग में बिजी होने का बहाना या अन्य किसी बहाने से रकम या अन्य निजी जानकारी मांग ठगी कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर शाखा द्वारा इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है कि अनजान नंबर पर भरोसा ना करें,कॉल या अन्य माध्यम से सत्यापन के बाद ही अगला कदम उठाए।
पुलिस महानिदेशक पुलिस(साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं आमजन में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस की साइबर विंग द्वारा राज्य में लगातार प्रयास किये जा रहे है। इसी क्रम में व्हाट्सएप प्रोफाइल तस्वीर का इस्तेमाल कर की जा रही साइबर धोखाधड़ी के मामले में एडवाइजरी जारी की गई है।
डीजी प्रियदर्शी ने बताया कि “वर्तमान में साइबर अपराधियों द्वारा व्हाट्सएप प्रोफाइल पर परिचित या किसी फर्म, कम्पनी और प्रतिष्ठान के चेयरमैन या प्रोपराईटर की फोटो लगाकर अपना नया मोबाइल नंबर बताकर नंबर सेव करने को कहते हैं। साइबर क्रिमिनल किसी सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में व्यस्त होने या आपातकालीन स्थिति का बहाना बनाते है ताकि शिकार को सोचने समझने का मौका ही ना मिले।
इसके बाद उस फर्म या कम्पनी के कनिष्ठ अधिकारी या कार्मिक को फोन या वीडियो कॉल करके प्रोजेक्ट से संबंधित खर्चा, आपात स्थिति राजकीय व्यय आदि बता कर तत्काल रुपये संदिग्ध बैंक खाते में हस्तांतरण करने के निर्देश देते हैं। जल्दबाजी में पीड़ित इसको वास्तविक निर्देश मानते हुये फर्म के खाते से रूपये हस्तांतरण कर देते हैं।”
डीजी प्रियदर्शी ने इस संबंध में आमजन को सावधानी बरतने का कह आगाह किया हैं कि व्हाटसएप प्रोफाइल पर तस्वीर देखकर झांसे में नहीं आवें। सीधे कंपनी के आधिकारिक चैनल के माध्यम से संबंधित अधिकारी से संपर्क कर पुष्टि करें।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटना की सूचना साइबर हेल्प लाईन नम्बर,साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल या निकटतम पुलिस स्टेशन,साइबर पुलिस स्टेशन को दे।