April 28, 2025, 2:13 am
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राजस्थान के बरसिंहसर में एनएलसी इंडिया लिमिटेड के 300 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास

बरसिंहसर। खनन और विद्युत उत्पादन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान के बरसिंहसर में एनएलसी की 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास करने के द्वारा एक महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाया। एमएनआरई की सीपीएसयू योजना के तहत और 04 अक्टूबर 2021 को आईआरईडीए द्वारा प्रदान की गई यह ऐतिहासिक परियोजना, भारत के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को सशक्त करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1,756 करोड़ रुपये हैं तथा परियोजना को सितंबर 2024 तक शुरु करने हेतु समय निर्धारित करने के साथ निर्धारित समयसीमा के भीतर राष्ट्रीय महत्व को बढावा देने वाली परियोजनाओं को पूरा करने में एनएलसी इंडिया लिमिटेड की प्रतिबद्धता दिखाई देती है।

इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “ भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ना शुरू किया है और इस मिशन को गति देते हुए, आज राजस्थान में विभिन्न सौर विद्युत परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाएँ न केवल इस प्रदेश में हरित और सस्ती बिजली प्रदान करेंगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के बेहतरीन अवसर भी प्रदान करेंगी।”

300 मेगावाट एनएलसी बरसिंहसर सौर ऊर्जा यह परियोजना रणनीतिक रूप से मौजूदा बरसिंहसर थर्मल पावर स्टेशन के पास स्थित है, जो उपलब्ध नेटवर्क के माध्यम से बिजली उत्पादन और सामान्य बुनियादी सुविधाओं के उपयोग में लाभ प्रदान करती है। एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करते हुए 2.52रुपए/प्रति यूनिट के टैरिफ पर 300 मेगावाट की पूरी क्षमता के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ बिजली उपयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

इस परियोजना में, उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल टाइप के स्वदेशी घरेलू सौर मॉड्यूल का उपयोग किया जाएगा जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मिशन के अनेरूप है।

  • 25 वर्षों के इसके परिचालनकाल में, इस परियोजना से लगभग 18.75 बीयू हरित ऊर्जा का उत्पादन होने और लगभग 18 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने का अनुमान है, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
  • इस परियोजना के निर्माण चरण के दौरान, लगभग 600 कर्मियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जबकि संचालन और रखरखाव चरण के दौरान 100 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिससे उस क्षेत्र के आर्थिक विकास और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • गुणवत्ता और दक्षता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करते हुए, इस परियोजना को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के आधार पर
    मेसर्स टाटा सोलर पावर सिस्टम्स लिमिटेड को प्रदान किया गया है।
  • नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, इस परियोजना घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से उच्च दक्षता वाले बाइफेशियल मॉड्यूल का उपयोग करती है, जो सतत ऊर्जा समाधानों की दिशा में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाती है।

इस परियोजना से उत्पादित हरित ऊर्जा, राजस्थान राज्य को उसकी नवीकरणीय खरीद बाध्यता को पूरा करने में सहायता करेगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के साथ जुड़कर यह भारत को उसकी नेट ज़ीरो स्थिति की ओर ले जाएगी।

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