जयपुर। वैशाख शुक्ल नवमी मंगलवार को छोटीकाशी के राम मंदिरों में जानकी नवमी के रूप में मनाई जाएगी। सभी राम मंदिरों में उत्सव मनाया गया। चांदपोल बाजार स्थित श्री रामचन्द्रजी मंदिर में महंत नरेन्द्र तिवारी के सान्निध्य में जानकी नवमी का मुख्य आयोजन हुआ। सुबह से देर रात तक आयोजनों में हजारों श्रद्धालुओं ने सीता जी के चरण कमल के दर्शन किए। मंदिर में सीता जी के चरणों के दर्शन केवल जानकी नवमी को ही होते हैं।
सुबह वेद मंत्रोच्चार के साथ सीता जी का पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गुलाब जल, चंदन, केसर, मोगरा, खसखस तथा फलों के रस से अभिषेक किया गया। रजवाड़े के समय के आभूषण कर राजसी श्रृंगार कर दोपहर को शंख, घंटा, घडिय़ाल के साथ जन्म आरती की गई। सभी भक्तों को पंजीरी और पंचामृत वितरण किया गया। शाम को 51 हवाइयों के साथ संध्या आरती हुई। दीपकों के थाल सजाए गए। प्रभु श्रीराम और सीता जी को शीतलता प्रदान करने वाले फलों और 21 हजार चौगुनी के लड्डूओं का भोग लगाया गया।
रात्रि तक बधाई गान किया गया। सुनयना रानी गोद खिलावे प्यारी जानकी…,आज महामंगल मिथलपुर,घर-घर बजत बधाई री…, सिया जी का जन्मदिन आप रघुवर को बधाई हो…जैसे बधाई गान हुए। श्रद्धालुओं ने बधाइयों पर फल, खिलौनों की उछाल की।फोटो आएगी यहां भी हुए आयोजन:समाज श्री सीताराम जी समिति की ओर से छोटी चौपड़ स्थित श्री सीताराम मंदिर में जानकी जी का जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मंदिर महंत नंदकिशोर शर्मा के सान्निध्य में जनक दुलारी का 21 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया।
पांच पंडितों ने मंत्रोच्चारण किया। रामबाबू झालानी ने बताया कि सीता जी को नवीन पोशाक धारण कराकर आभूषण धारण कराए गए। समाज के रामप्रसाद अग्रवाल, रामगोपाल बूसर, रामशरण हल्दिया, अवधेश पोद्दार ने जन्म की बधाइयां गाईं।गलताजी, रेलवे स्टेशन रोड स्थित राम मंदिर सहित राम मंदिरों में जनक दुलारी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई। सभी मंदिरों में बधाइयां गाईं गईं।