जयपुर। न्यू गेट स्थित रामलीला मैदान में हो रही रामलीला के बुधवार को विविध प्रसंगों का मंचन किया गया। दर्शक पूरी तल्लीनता से रामलीला का आनंद लेते नजर आए। मंचन के आरंभ में कुंभकरण वध का विराट दृश्य उपस्थित हुआ। रावण का भ्राता कुंभकरण जब युद्ध भूमि में आया तो उसका रूप देखकर सब आश्चर्यचकित रह गए। कुंभकर्ण गिरि समान तनु भारी चलत महा धरा कंप भरी…चौपाई के माध्यम रामलीला के निर्देशक ने दृश्य को जीवंत किया।
श्री राम के बाणों से आहत होकर कुंभकरण धराशायी हुआ। दर्शकों ने धर्म की जय हो का उद्घोष लगाया। इसके साथ ही लक्ष्मण शक्ति का मार्मिक प्रसंग मंचित हुआ। जिसमें मेघनाद के प्रहार से लक्ष्मण मूर्छित होकर भूमि पर गिरे तो पूरा पंडाल करुणामय हो उठा। हनुमान जी के संकल्प और संजीवनी की खोज का संकेत पाकर दर्शकों की आंखें श्रद्धा से भर आईं। अंत में मेघनाद वध का प्रसंग मंचित हुआ। रावण पुत्र इंद्रजीत का पराक्रम देखने योग्य था, किंतु धर्म की शक्ति के सामने अधर्म टिक न सका। लक्ष्मण ने उसके वध से धर्म की विजय का शंखनाद किया।
दर्शकों ने तालियों और जयकारों से पूरे वातावरण को गुंजा दिया। रामायण पर आधारित स्वचालित झांकियां, स्वादिष्ट व्यंजनों की विविध स्टाल, झूले आकर्षण का केन्द्र रहे।




















