जयपुर। राजस्थान में सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर वाल्मीकि समाज ने भर्ती नियमों में संशोधन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार ने उपचुनाव से पहले उनकी मांग को पूरा नहीं किया तो आगामी दिनों में प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में वाल्मीकि समाज वोट की चोट से सरकार को सबक सिखाएगा।
वाल्मीकि समाज विकास संस्थान के अध्यक्ष दीपक डंडोरिया ने बताया कि दलित आरक्षण को लेकर वर्गीकरण किया जाना चाहिए ताकि वाल्मीकि समाज को आरक्षण का सही लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया पिछले लंबे वक्त से लंबे चल रही है। तीन बार सरकार ने अलग-अलग विज्ञप्ति जारी कर वाल्मीकि समाज के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया है। अब तक एक भी वादा धरातल पर नहीं उतर पाया है। वहीं इस बार सरकार ने भर्ती नियमों में अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता लागू की है। इससे मूल वाल्मीकि समाज का युवा सीधे तौर पर भर्ती प्रक्रिया से दूर हो गया है।
उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज का प्रत्येक नागरिक सरकार से यही मांग करता है कि सफाई कर्मचारी भर्ती नियमों में संशोधन कर वाल्मीकि समाज के युवाओं को इसमें शिथिलता दी जाए। अगर सरकार ने 13 नवंबर से पहले इसकी घोषणा नहीं की। प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर वाल्मीकि समाज के वोट निर्णायक हैं। वाल्मीकि समाज उपचुनाव में सरकार को वोट की चोट देकर अपनी गलती का एहसास करवाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार नहीं समझी तो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। लेकिन सफाई कर्मचारी भर्ती नियमों में संशोधन करा कर ही दम लेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश की भजनलाल सरकार ने प्रदेशभर में 23 हजार 820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकली है। लेकिन इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास एक साल का सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने का सर्टिफिकेट (अनुभव प्रमाण पत्र) होना अनिवार्य है। जिसको लेकर पिछले लंबे वक्त से वाल्मीकि समाज विरोध कर रहा है।