जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 17वें संस्करण की सुगबुगाहट है| जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 1-5 फरवरी 2024 को गुलाबी नगरी, जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में किया जाएगा। आइकोनिक फेस्टिवल के प्रोडूसर, टीमवर्क आर्ट्स ने कल द कोरम, मुंबई में एक विशेष शाम का आयोजन किया, जिसमें शहर की प्रसिद्ध हस्तियों, फेस्टिवल के वक्ताओं और श्रोताओं ने हिस्सा लिया| फेस्टिवल ने वर्ष 2024 संस्करण के लिए क्रॉसवर्ड बुकस्टोर्स को अपना ऑफिशियल बुकस्टोर घोषित किया।
इस शाम में फेस्टिवल के प्रोग्राम और फेस्टिवल से जुड़ने वाली अन्य अनेक चीजों के साथ ही, एक विशेष वार्ता बेस्टसेलिंग लेखक, राजनयिक और नेहरु सेंटर, लंदन के डायरेक्टर, अमीश और फेस्टिवल के प्रोडूसरसंजॉय के. रॉय के बीच आयोजित की गई| उन्होंने मिथक की भूमिका और महत्ता पर चर्चा की| बाद में शानदार जैज़ प्रस्तुति दी व्लादिमीरतरावोस और सक्सोफोनिस्ट लिउदास मोक्कुनिअस ने।
लेखक, इतिहासकार और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर, विलियम डेलरिम्पल ने कहा, “हर साल हम जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को पहले से और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं, और 2024 अब तक के सबसे बेहतरीन लाइन-अप के साथ हाज़िर हैं| ये पूरी तरह से शानदार होने वाला है और किसी भी हालत में इसमें शामिल होने का मौका गंवाना नहीं चाहिए!”
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हम लोगों को कहानियों के माध्यम से प्रेरित करते हैं। ये एक ऐसा अवसर होता है, जब आप एक ही साथ कला, ज्ञान और नई खोजों को देख सकते हैं। ये सही मायनों में साहित्य का उत्सव है।”
क्रॉसवर्ड बुकस्टोर्स के सीईओ, आकाश गुप्ता ने कहा, जेएलएफ का बुकस्टोरपार्टनर बनने पर क्रॉसवर्ड को गर्व है। हमारा मकसद भारत में रीडरशिप को बढ़ाना है| किताबों की महत्ता को समझने और उन्हें महसूस करने के लिए ये फेस्टिवलबेस्ट है| ये पार्टनरशिप एक परफेक्ट मैच है, और हम दोनों का ही विजन है साहित्य| JLF 2024 में धूम मचाने के लिए हम तैयार हैं।”
द कोरम की प्रोग्रामिंग डायरेक्टर, सलोनी पुरी ने कहा,“2006 में जब इस फेस्टिवल की शुरुआत हुई थी, मैं तभी से इससे जुड़ी हुई हूँ| इनका वैविध्यपूर्ण प्रोग्राम देश की संस्कृति का प्रतिबिम्ब है। कोरम और जयपुर लिटरेचरफेस्टिवल, दोनों में ही एक चीज कॉमन है– विचारों, संवाद और कल्पना के लिए उनका जूनून| मुंबई प्रीव्यू में उनका पार्टनर बनना हमारे लिए ख़ुशी का पल है।|”
इस सम्मोहक शाम में, फेस्टिवल के ‘कुम्भ’ के 17वें संस्करण से जुड़े कुछ खास विषयों पर भी प्रकाश डाला गया| चूँकि कला व संस्कृति हमेशा से ही इस फेस्टिवल का मुख्य विषय रहा है, तो इस साल भी देश के सबसे महान कलाकार, राजा रवि वर्मा की कला पर रचित, गणेश वी. शिवास्वामी की छह वॉल्यूम की सीरिज, राजा रवि वर्मा: एन एवर लास्टिंग इंप्रिंट का विमोचन किया जाएगा। एक अन्य सत्र में, म्यूजियम क्यूरेटर, आर्ट इतिहासकार और कैम्ब्रिज में फिट्ज़विलियम म्यूजियम के डायरेक्टर, लुके सिसोंएक खोजी और वैज्ञानिक के तौर पर लेओनार्दो दा विन्ची की उपस्थिति पर बात करेंगे|सिसों की बहुप्रशंसित कृति, लेओनार्दो दा विन्ची–पेंटरएट द कोर्ट ऑफ़ मिलान, पुनर्जागरण काल के इस महान कलाकार की कला को समझने का प्रयास करती है।
जीवनियों पर आधारित एक सत्र में, फिल्म समीक्षक और लेखिका शुभ्रागुप्ता की किताब, इरफ़ान: ए लाइफ इन मूवीज पर चर्चा होगी| इस संकलन मेंस्वर्गीय अभिनेता के समकालीन कलाकारों से बात करके उनकी स्मृतियों को एकत्र करने का प्रयास किया गया है| सत्र में इरफ़ान खान की पत्नी और थिएटर अदाकारा सुतपासिकदर और फिल्ममेकरविशाल भारद्वाज से संवाद में इरफ़ान के जीवन और उनके काम से जुड़े सुनहरे दौर को जीवंत किया जाएगा।
पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित लेखक केयबर्ड एक अन्य सत्र में अपने लेखन और साहित्यिक सफ़र की बात करेंगे। स्वर्गीय मार्टिनजे.शेर्विन के साथ सह-लेखन में लिखी,बर्ड की किताब,अमेरिकनप्रोमिथेउस ने क्रिस्टोफरनोलन को बहुचर्चित फिल्म ओपेनहाइमर बनाने के लिए प्रेरित किया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी की बहुचर्चित जीवनी, प्रणब माय फादर: ए डॉटररेमेम्बेर्स भूतपूर्व राजनेता और भारत के 13वें राष्ट्रपति, प्रण बमुखर्जी के जीवन के देखे-अनदेखे पन्नों से परिचय कराती है। इस सत्र में, शर्मिष्ठा काम के प्रति समर्पित और धार्मिक‘बाबा’की बात करेंगी, जिन्होंने कभी अपने आस्था और विश्वास को उस पर थोपने की कोशिश नहीं की।
हरदिल अजीज़ शायरगुलज़ार साहब अपने नए काव्य संग्रह के माध्यम से, एक बार फिर से अपना जादू चलाने को तैयार हैं। पुरस्कृत अनुवादक और लेखिका रख्शंदा जलील ने उनके नए काव्य-संग्रह, बाल-ओ-पर का अंग्रेजी अनुवाद किया है। बाल-ओ-परगुलज़ार साहब के छह काव्य संग्रहों का संकलन है, इसके माध्यम से श्रोताओं को तेजी से बदलते इतिहास, मानवीय अनुभव और काव्यात्मक अभिव्यक्ति को सुनने का अवसर मिलेगा।
फेस्टिवल में एक सत्र फैशनडिज़ाइनरतरुण तहलानी के नाम रहेगा| उनके डिजाइंस में इतिहास और आधुनिकता का समावेश रहता है। खोजी पत्रकारआलिया अल्लाना के साथ सह-लेखन में लिखी उनकी किताब, जर्नीटू इंडिया मॉडर्न उनके क्राफ्ट की कहानी कहती है। टेलीविज़न एंकर और फैशनकंसलटेंटअम्बिका आनंद के साथ संवाद में, तहलानीदुनियाभर की फैशन से जुड़ी मान्यताओं, कहानियों के माध्यम से अपनी प्रेरणा के बारे में बताएँगे।
फेस्टिवल में कुछ सत्र आध्यात्मिक इतिहास के नाम भी रहेंगे| हिमालय का पावन शिखर हमेशा से अध्यात्म और रहस्य की खोज करने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है|जाने-माने अकादमिक और लेखक एंड्रूक्विंटमैनने तिब्बती गुरु और आध्यात्मिक कवि, मिलारेपा के बारे में खूब लिखा है। अभिनेता और लेखक केलीदोरजीबौद्ध धर्म का अनुपालन करते हैं| उनकी किताब, द हिडनरेनबो, हमें एक आध्यात्मिक सफ़र पर ले जाने का प्रयास करती है। सत्र में ये मिलारेपा के जीवन की साहित्यिक उपस्थिति पर बात करते हुए, उनसे जुड़ी अनेक कहानियों पर प्रकाश डालेंगे| सत्र में लेखिका नमितागोखले की हिमालय के गुरुओं पर लिखी किताब मिस्टिक्स एंड सेप्टिक्स के हिन्दी अनुवाद का लोकार्पण भी होगा।
अग्रणी क्लासिक्स्ट और कल्चरल कमेन्टर मैरीबियर्ड की किताब, ट्वेलसीज़र्स: इमेजऑफ़ पॉवर फ्रॉम द एन्सिएंट वर्ल्ड टू मॉडर्न,रोमन कला की खोज करती है, जिसने पश्चिमी समाज की समझ को विकसित किया| प्राचीन और आधुनिक कल्पना की तुलना करते हुए, बियर्ड हमें रोमन सम्राटों, विशेषकर ‘ट्वेलसीजर्स’, से लेकर बेरहम जूलियससीजर के शासन में जाती हैं| इतिहासकार, लेखक और पोडकास्टरटॉमहॉलैंड से संवाद में, बियर्ड सत्ता, ताकत की भिन्न परतों से हमारा परिचय कराएंगी।