जयपुर। झोटवाड़ा थाना इलाके में कम्पनी के मालिक की मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर एक युवक ने जहर खाकर जान दे दी। मृतक के कमरे में बेड के तकिए के नीचे दो पेज का सुसाइड नोट मिला है।
पुलिस ने बताया कि आनंद विहार बी बेनाड रोड निवासी मुकेश कुमार जांगिड़ (35) ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। जो अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। विद्याधर नगर के सेंट्रल स्पाइन स्थित एक कंपनी में पिछले करीब 15 साल से जॉब कर रहे थे। जो रात को खाना खाने के बाद परिवार के सदस्य अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। इसके बाद मुकेश ने अपने कमरे में जहर खा लिया।
तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे संभाला। बेहोशी की हालत में तुरंत प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने उसे एसएमएस अस्पताल में रैफर कर दिया। एसएमएस अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मुकेश की मौत हो गई। मृतक के भाई लोकेश ने सुसाइड नोट के आधार पर सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
मृतक मुकेश के बिस्तर पर तकिए के नीचे सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा- पापा, मम्मी, रेखा, बबलू, पुचू सॉरी कि मैं यह लाइफ खत्म कर रहा हूं। पापा जहां तक लड़ सकता था, वहां तक लड़ा हूं। लेकिन क्या करूं अब में सब हार गया। मैं यह कदम मेरे ऑफिस के बॉस दिलीप सिंह चौहान और राजेश अरोरा के कारण उठा रहा हूं। उन दोनों ने मुझे काफी दिनों से मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रखा है। ऑफिस के एग्जाम में कुछ गलत काम हुआ है।
मैंने कई बार बॉस के पूछने पर भी उनको बताया था। लेकिन उन्होंने यही बोला कुछ नहीं होगा। जब यह मामला सबके सामने आ गया तो मुझे रोज ऑफिस में बॉस और राजेश की ओर से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मुझ से इन सभी ने खाली पेपर पर लिखवा लिया कि यह सब गलत काम मैंने ही किए हैं। अब पुलिस की धमकी दे रहे है कि मान ले कि यह सब तूने ही किया है। पापा मैं अपने आप को जेल में जाते हुए नहीं देख सकता हूं। मुझे पता है आप और रेखा तो मान भी जाएंगे, लेकिन और सभी लोग ताने ही मारेंगे।
रेखा बीच रास्ते में छोड़कर जा रहा हूं, इसके लिए सॉरी। मैंने तुझे दिन में बताया था कि ऑफिस में यह सब चल रहा है, लेकिन पापा-मम्मी हो बताने के लिए मैंने ही मना किया था। मैं नहीं चाहता कि वो परेशान हो, लेकिन इन सभी बातों का अब कोई लेना-देना नहीं है। बबलू सॉरी यार तुझे कभी कोई खुशी नहीं दे पाया। लोकेश पापा-मम्मी का ध्यान रखना। मेरे पास अब कोई ऑफिस नहीं है। बॉस दिलीप सिंह चौहान और राजेश अरोरा है। इन्होंने मुझे यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
जांच अधिकारी एएसआई राम सिंह ने बताया कि पुलिस प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि 8 अप्रैल से वह ऑफिस नहीं गया था। सुसाइड नोट के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। कांवटिया हॉस्पिटल से अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मिल मिली है। मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।