जयपुर। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी मिली। इसके बाद बम और डॉग स्क्वॉयड मौके पर पहुंचे। इससे पहले शुक्रवार सुबह दो कोर्ट में बम ब्लास्ट की धमकी मिली थी। इनमें एक जयपुर मेट्रो कोर्ट और एक फैमिली कोर्ट है। धमकी भरे ई-मेल के बाद हड़कंप मच गया था। मेल में शुक्रवार दोपहर दो बजे तक तीन आईईडी से दो कोर्ट में धमाके करने की जानकारी थी। मेल भेजने वाले ने खुद को पूर्व नक्सली बताया था।
सुबह मेल मिलने के बाद पूरे परिसर को खाली कराया गया था। मौके पर पहुंचे बम और डॉग स्क्वॉयड ने फैमिली कोर्ट में करीब चार घंटे सर्च किया था। वहीं, जयपुर मेट्रो कोर्ट में करीब एक घंटे तक सर्च करने के बाद परिसर को सेफ बताया था।एंटी टेररिस्ट स्क्वाड की टीम भी ज्योति नगर के फैमिली कोर्ट में जांच के लिए पहुंची।
जयपुर मेट्रो कोर्ट (प्रथम) के जज पवन कुमार ने पुलिस कमिश्नर को धमकी भरे ई-मेल की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि ई-मेल 29 मई को सुबह 4.49 बजे मिला था। कोर्ट बंद होने के कारण 30 मई को सुबह करीब 8.15 बजे ई-मेल देखा था। इसी ई-मेल में ज्योति नगर फैमिली कोर्ट में में भी ब्लास्ट की जानकारी थी।
मेल में लिखा मैं पूर्व नक्सली हूं। इस हफ्ते से पहले तक कोर्ट आईईडी ऑपरेशन का हिस्सा भी रह चुका हूं। ध्यान से इस ऑपरेशन के बारे में पढ़ लीजिए, जिसे सीपीआई (माऊ) ने ‘सिंगर कोवान’ नाम दिया है। सिंगर कोवान उर्फ एस शिवदास का इस्तेमाल अगले सप्ताह एडैपडी के.पलानीसामी के खिलाफ होने वाले अभियान के लिए किया जा रहा है।
यह अभियान सवुक्कु शंकर के साथ गलत तरीके से किए गए व्यवहार और डीएमके के 2 जी सादिक बाचा की हिरासत में मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए है। हमारे हाई कमांड से क्रिटिकल सिक्योरिटी अलर्ट आया है। कल तीन बम कोर्ट की बिल्डिंग में प्लांट किए गए हैं। वहीं, मेल के सब्जेक्ट में लिखा कि तीन आईईडी फैमिली कोर्ट की बिल्डिंग में रखें हैं। 2 बजे से पहले खाली करवा लें।
गौरतलब है कि इससे पहले 13 मई, 12 मई और 8 मई को सवाई मानसिंह स्टेडियम को उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसमें 13 मई को मिले मेल में बम से उड़ाने की धमकी के साथ ही रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की गई थी। 9 मई को जयपुर मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। जयपुर मेट्रो की मेल आईडी पर ईमेल मिला था। इसमें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जयपुर मेट्रो स्टेशन और ट्रेन दोनों को उड़ाने की धमकी दी गई थी। लेकिन जांच में कुछ नहीं मिला था।