जयपुर। एक तरफ पूरा देश पहलगाम आतंकी हमले के शोक में डूबा हुआ है,दूसरी तरफ राजस्थान में राजनीतिक तापमान चरम पर है। एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधायक गुरुवार को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय पर पुलिस महानिदेशक चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। धरने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, और कई विधायक एवं कांग्रेस नेता शामिल रहे।
जानकारी के अनुसार इस धरने का मुख्य कारण सीकर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सीकर दौरे के दौरान एनएसयूआई जिला अध्यक्ष ओपी नागा ने सीकर संभाग की बहाली की मांग करते हुए काला झंडा दिखाया था। इस घटना के बाद पुलिस ने एनएसयूआई अध्यक्ष सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने केवल एक प्रदर्शन के आधार पर एनएसयूआई से जुड़े कार्यकर्ताओं और उनके परिजनों को भी परेशान करना शुरू कर दिया है। जो छात्र उस विरोध में शामिल भी नहीं थे, उन्हें भी बिना वजह गिरफ्तार किया गया है। नेताओं ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे कुछ मंत्री, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाने के निर्देश दे रहे हैं।
वहीं, इस धरने को लेकर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह धरना केवल एनएसयूआई की गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है और पुलिस आम नागरिकों से ज्यादा राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। हम मजबूर होकर डीजीपी के चेंबर के बाहर धरने पर बैठे हैं।
यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई है। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि जल्द ही इस विषय को लेकर विधानसभा और सड़क दोनों जगह आंदोलन तेज किया जाएगा। अब यह सरकार छात्र, युवा और लोकतांत्रिक विरोध की आवाज को भी कुचल रही है। यह सरकार छात्रों से डर रही है।
अशोक गहलोत ने भी साधा निशाना
वहीं राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर कहा कि सीकर में मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने वाले एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा को गिरफ्तार कर उनके साथ गंभीर प्रकृति के अपराधियों जैसा व्यवहार करना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। इसी प्रकार बीकानेर में 6 लोगों की मृत्यु पर मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे पीसीसी सचिव रामनिवास कुकणा के घर एक आईपीएस के नेतृत्व में पुलिस दल गया। वहां कुछ न मिलने पर उनके खेत से पुलिस ने ट्रांसफार्मर उतार लिया।
उनके पारिवारिक डेयरी को सील कर दिया। अशोक गहलोत ने कहा कि यह दिखाता है राजस्थान की पुलिस भाजपा सरकार के दबाव में आकर कानून से बाहर जाकर कार्रवाई कर रही है। वह मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया है कि ये अलोकतांत्रिक कार्रवाई अविलंब रोकी जाएं। पुलिस अधिकारी भी सरकार के दबाव में ऐसे काम न करें । जिसे उन्हें अदालतों में स्थापित करने में परेशानी आए और कानून के घेरे में वो स्वयं आ जाएं। पीसीसी में इस पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है जिससे पुलिस-प्रशासन को संदेश ले लेना चाहिए।