जयपुर। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ “डॉक्टर डेथ” को दौसा से गिरफ्तार किया है। डॉक्टर डेथ 50 से अधिक लोगों की हत्या कर चुका है। आरोपी अगस्त 2023 में पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया था। इसके बाद वह कई जगहों पर फरारी काटने के बाद दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा हुआ था। क्राइम ब्रांच को डॉक्टर प्रवचन देता हुआ मिला।
आरोपी डॉक्टर देवेन्द्र शर्मा पूर्व में एक किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से भी जुड़ा था। दिल्ली से लेकर हरियाणा-राजस्थान तक 50 से अधिक लोगों की हत्या करने और इनके शवों को यूपी के कासगंज में मगरमच्छों को खिलाने वाले राक्षस ‘डॉक्टर डेथ’ को दिल्ली की क्राइम ब्रांच दौसा से गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई। सात मामले में उम्र कैद के बाद एक मामले में फांसी का इंतजार कर रहा यह सीरियल किलर अगस्त 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था। इसके बाद से ही फरार चल रहा था।
दिल्ली के कुख्यात आयुर्वेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा का पहली बार क्राइम फाइल में नाम 1998 से 2004 के बीच आया था। वह किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से जुड़ा हुआ था। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई और उसने 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट के केस कबूल किए थे। इससे पहले देवेंद्र शर्मा ने 1994 में गैस एजेंसी की डीलरशिप ली थी। हालांकि इसमें घाटा हुआ तो उसने मानव अंगों की तस्करी शुरू कर दी थी। इस प्रकार हत्या की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देते हुए यह कब खूंखार सीरियल किलर बन गया, इसे खुद पता नहीं चला।
पुलिस की मानें तो आरोपी पर हत्या की सनक सवार थी। इसके लिए वह खासतौर पर टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता था। वह टैक्सी बुक करता और फिर ड्राइवर की हत्या करने के बाद उसके शव को उत्तर प्रदेश के कासगंज में मगरमच्छों के लिए मशहूर हजारा नहर में डाल देता था। वहां पलक झपकते मगरमच्छ शवों को खा जाते थे। इसलिए आरोपी के खिलाफ पुलिस को सुराग नहीं मिल पाता। इसके बाद वह टैक्सियों को ब्लैक मार्केट में बेच देता था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डॉक्टर डेथ के रूप में कुख्यात देवेंद्र शर्मा पर 50 से अधिक मर्डर का आरोप है। इनमें से अब तक 8 मामलों में यह दोषी भी साबित हो चुका है। इनमें भी 7 मामलों में इसे उम्रकैद हुई है। जबकि हरियाणा के गुरुग्राम में हुए मर्डर के एक मामले में इसे फांसी की सजा हुई है। इन्हीं मामलों में यह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था। अगस्त 2023 में यह पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया था और फरार हो गया था।
इससे पहले वह साल 2020 में भी पैरोल पर बाहर आकर फरार हुआ था और सात महीने बाद पकड़ा गया। अगस्त 2023 में पैरोल जंप करने के बाद देवेंद्र शर्मा ने धर्म का चोला ओढ़ लिया था। वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर फरारी काटने लगा। इधर, दिल्ली पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस करने और उसे पकड़ने के लिए आधा दर्जन से अधिक टीमें बना रखी थी। इन टीमों ने बड़ी मुश्किल से उसकी लोकेशन को ट्रैक किया और उसे पकड़ने के लिए दौसा के आश्रम में पहुंची। इस दौरान आरोपी आश्रम में प्रवचन करता मिला।