जयपुर। अंग प्रत्यारोपण मामले में एसीबी ने अपनी जांच तेज कर दी है। बुधवार को एसीबी ने ईएचसीसी अस्पताल के सर्जन से पूछताछ की। जांच में सामने आया था कि फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल में ही सबसे ज्यादा विदेशी मरीजों के ऑर्गन को ट्रांसप्लांट किए गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसीबी ने बुधवार को ईएचसीसी के सीनियर सर्जन डॉक्टर रवि गुप्ता को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया। इस दौरान डॉक्टर रवि गुप्ता के साथ उनका स्टाफ भी मौजूद रहा। एसीबी ने फोर्टिस हॉस्पिटल के सर्जन का मोबाइल जांच के लिए एफएसएल भेजा है। जांच में सामने आया है कि अस्पताल को जब सरकार की ओर से फर्जी एनओसी मिल जाती थी तो वह पेशेंट से डोनर के बारे में ज्यादा पूछताछ नहीं किया करते थे। इसलिए विदेशी नागरिक जयपुर के इन दो अस्पतालों में अधिक सर्जरी कराने के लिए आते थे।
खास बात यह है कि इन डॉक्टरों को पहले से पता होता था कि ऑपरेट होने वाले मरीजों को जो एनओसी मिली है वह फर्जी है। इसके बाद भी इन लोगों ने सर्जरी को लेकर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई। एसीबी इस केस में 35 हजार रुपए में फर्जी सर्टिफिकेट देने के अलावा और भी कई एंगल पर जांच कर रही है, जो एसीबी ने एफआईआर में भी दर्ज किया है। एसीबी ने ट्रैप के अलावा धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा करने की भी धाराएं एफआईआर में जोड़ी है।