March 16, 2025, 12:57 pm
spot_imgspot_img

नाबार्ड द्वारा राज्य में वर्ष 2025-26 के लिए रु 4.40 लाख करोड़ के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण का आकलन

जयपुर। राजस्थान में एकीकृत और सतत ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रु 4.40 लाख करोड़ के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण का अनुमान लगाया है। ऋण की संभावित राशि पिछले वर्ष के अनुमान की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है।

नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार के दौरान माननीय राज्य मंत्री, सहकारिता और नागरिक उड्डयन (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक द्वारा, मंजू राजपाल, आईएएस, प्रमुख शासन सचिव-सहकारिता, बलराज सिंह, वीसी, एसकेएनएयू, जोबनेर, टीकम चंद बोहरा, आईएएस, एमडी -राजफेड और डॉ राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड की उपस्थिति में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तैयार किए गए स्टेट फोकस पेपर (एसएफपी) का विमोचन किया गया जो राजस्थान राज्य में भौतिक और वित्तीय, दोनों संदर्भों में, दोहन योग्य जिलावार ऋण वितरण की संभाव्यता का समेकित दस्तावेज़ है।

राज्य मंत्री ने इस सेमीनार अपने संबोधन में नाबार्ड द्वारा तैयाए की गई ऋण योजना और स्टेट फोकस पेपर 2025-26 की सराहना की . साथ ही उन्होंने बैंकों, संबंधित विभागों और अन्य हितधारकों को नाबार्ड द्वारा स्टेट फोकस पेपर में किए गए अनुमानों को प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने की सलाह दी।

उन्होंने सहकारिता को प्राथमिकता प्रदान करने में प्रधान मंत्री के नेतृत्व मे वर्ष 2021 मे केंद्र सरकार द्वारा अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने को रेखांकित करते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि“ के तहत, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनमें प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों का कंप्यूटरीकरण, नई बहुउद्देश्यीय पीएसीएस की स्थापना, सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना , सहकारिता में सहकार पर राष्ट्रव्यापी अभियान और ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी बैंकों की मजबूती शामिल है।

उन्होनें सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वित्तीय सहायता के माध्यम से सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने में नाबार्ड द्वारा दिये गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान में नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कई परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, जिससे हमारे किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को लाभ हुआ है।

मंजू राजपाल आईएएस, प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता विभाग ने राज्य फोकस पेपर 2025-26 के महत्व पर जोर दिया।राजपाल ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण में नाबार्ड के प्रयासों का उल्लेख किया और मई 2025 तक 5,000 पैक्स को “गो लाइव” करने के सरकार के लक्ष्य को साझा किया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न योजनाओं के उद्देश्यों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को समझने में मदद करने के लिए पैक्स के लिए अधिक प्रशिक्षण और अभिमुखी कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया, जिससे उनका सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में भंडारण और खरीद सुविधाओं में सुधार लाने के लिए सहकारी क्षेत्र में 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले 150 गोदामों का निर्माण किया जा रहा है।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ राजीव सिवाच ने स्टेट फोकस पेपर के विषय में बताते हुए कहा कि कुल अनुमानित ऋण संभाव्यता में 47 प्रतिशत कृषि और संबद्ध कार्यों के लिए आकलित किया गया है, एमएसएमई क्षेत्र के लिए 45प्रतिशत और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे कि आवास, शिक्षा आदि के लिए 8प्रतिशत आकलित किया गया है। उन्होने बताया कि एसएफपी में आकलित ऋण संभाव्यता का उपयोग वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना तैयार करने के लिए एक आधार दस्तावेज़ के रूप में किया जाएगा।

डॉ. सिवाच ने आगे यह कहा कि कृषि आधारभूत सुविधाओं में निवेश में वृद्धि, कृषि उपज के समूहीकरण, मूल्य संवर्धन और किसानों को किसान उत्पादक संगठनों में संगठित करके कृषि की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। सेमीनार के दौरान, राज्य में वर्ष 2024-25 के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स), जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों और कृषक उत्पादक संगठनों को भी सम्मानित किया गया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles