जयपुर। विधाधर नगर थाना पुलिस ने साइबर ठगों से सम्पर्क कर हैकिंग के गुर सीखकर साईबर टेक्नोलाजी के एक्सपर्ट बन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के कार्यालय में दबिश देकर चार ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक हाईटेक मॉडिफाइड कंप्यूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, जियो फाइबर राउटर, दो हेडफोन, दो इयरबड, तीन एप्पल आईफोन, कई अन्य महंगे स्मार्टफोन, सात क्रेडिट-डेबिट कार्ड बरामद किये।
इसके अलावा पुलिस ने देशी- विदेशी पन्द्रह करोड से अधिक लोगों का क्रेडिट-डेबिट डाटा, दो करोड से अधिक लोगों के सोशल मीडिया के यूजरनेम, पासवर्ड और एक करोड़ से अधिक लोगों का आधार कार्ड डाटा भी जब्त किया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर राशि डोगरा ने बताया कि विधाधर नगर थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग अभिषेक कुमार (22) निवासी जक्कनपुर जिला पटना बिहार हाल पुराना विद्याधर नगर जयपुर, बाबानी (19) निवासी नांगल जैसा बोहरा करधनी जयपुर हाल पुराना विद्याधर नगर जयपुर,राहुल कुमार सिंधी (21) निवासी शाहपुरा भीलवाडा हाल पुराना विद्याधर नगर जयपुर और रोहित कुमार सिंधी (19) निवासी शाहपुरा भीलवाडा हाल पुराना विद्याधर नगर जयपुर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि यह लोग डिसकोर्स एप्प के माध्यम से ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करके ठगी करते थे। साईबर ठग लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से विदेशी साईटों से खरीददारी करते खरीदे गये सामान को वापिस बेचकर करते थे अवैध कमाई,साईबर ठगी से प्राप्त पैसे को विभिन्न तरीकों से खातों में लेकर कर रहे थे अवैध किप्टो करेंसी में निवेश।
डेबिट-केडिट कार्ड ठगी से प्राप्त रूपयों को बिनेंस, ओकेएक्स, अमेज़ॅन, कूकॉइन, टेलीग्राम, बीएनएस, बिटमार्ट, कॉइनडब्ल्यू, कोइनबीएक्स के माध्यम से पी टू पी किप्टों करेंसी में करते निवेश, विदेशी साईटों से ठगी के काम में इस्तेमाल की जाने वाली अलग अलग एप्पस को डाउनलोड करने में किप्टों करेंसी में भुगतान करते है ।
साईबर ठगों- हैकरों व इनके जानकारों के खातों में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन मिले हैं । रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराये पर लेकर इस्तेमाल कर रहे । सभी बैंक खातों पुलिस ने फ्रीज करवा दिया हैं। गिरफ्तार बदमाशों के खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायत भी दर्ज हैं।
इन बदमाशों ने टेलीग्राम एप्प पर खुद के चैनल भी बना रखे हैं। साथ ही ओटीटी प्लेटफार्मों के पासवर्ड क्रेक करके उनका डाटा डाउनलोड कर ओटीटी प्लेटफार्मों से डाउनलोडेड मूवी – वेब सीरीज आदि को कम रुपयों में खुद के टेलीग्राम चैनलों चलाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक हाईटेक मॉडिफाइड कंप्यूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, जियो फाइबर राउटर, दो हेडफोन, दो इयरबड, तीन एप्पल आईफोन, कई अन्य महंगे स्मार्ट फोन, सात क्रेडिट-डेबिट कार्ड बरामद किये।
इसके अलावा पुलिस ने देशी- विदेशी पन्द्रह करोड से अधिक लोगों का क्रेडिट-डेबिट डाटा, दो करोड से अधिक लोगों के सोशल मीडिया के यूजरनेम, पासवर्ड और एक करोड़ से अधिक लोगों का आधार कार्ड डाटा भी जब्त किया है। आरोपित पुलिस से बचने के लिये अलग-अलग स्थानों पर कुछ समय के लिये किराये से रहते है और खाली कर भाग जाते है। गिरफ्तार आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर साईबर ठगी की वारदातों,उनके बैंक खातों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर ने बताया कि गिरफ्तारा चारों ठग करोड़ों रुपए की साइबर ठगी कर पैसा कमा चुके हैं। सभी ठग केवल 12 वीं पास हैं। इन ठगों ने बिहार, तेलंगाना, जामताड़ा के साईबर ठगों से सम्पर्क कर हैकिंग के गुर सीखकर साईबर टेक्नोलाजी के एक्सपर्ट बने और साइबर ठगी करना शुरू किया था। वहीं इन ठगा ने यूट्यूब में हैकिंग के वीडियो देख कर साइबर ठगी- हैकिंग के तरीके सीखे। यह इतने शातिर हैं कि यह अलग-अलग एप्स के माध्यम से खुद की ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते हैं जिस से इनकी सही लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सकता।
इन ठगों ने विभिन्न वेबसाइटों और एप्पस को अलग अलग सॉफ्टवेयर- एप्स के माध्यम से क्रेक करके चुराया और फिर अंतरराष्ट्रीय डेबिट-क्रेडिट कार्ड डाटा व अन्य निजी जानकारियां निकाली। यह चारों बदमाश ने पूछताछ में बताया कि करीब 15 करोड लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की वैध तिथी और सीवीवी की जानकारी उनके डेटा में सेव हैं। 2 करोड़ से अधिक लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम के पासवर्ड को हैक किया हुआ हैं। 1 करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड का डाटा इन के सिस्टम में सेव मिला हैं।
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी की इस मकान में रहने वाले युवक कुछ काम नहीं करते । लेकिन इन के घर में आए दिन ऑन लाइन माल देने वालों की भीड़ लगी रहती हैं। ये लोग क्या काम करते हैं कौन लोग है यह किसी को जानकारी नहीं हैं। जिस पर पुलिस टीम एक्टिव हुई और करीब दस दिन तक इन के मकान और इन के आसपास रैकी करना शुरू किया। जिसके बाद पुलिस ने रेड कर इन चोरों बदमाशों को पकड़ा जिनके पास से मिले उपकरणों से जानकारी सामने आई की ये लोग साइबर ठगी और हैकिंग का काम किया करते थे।