जयपुर। प्रदेश में सक्रिय मानसून से शुक्रवार को जयपुर सहित 20 शहरों में जोरदार बारिश हुई। मूसलाधार बारिश से करौली और टोंक में बाढ़ से हालत बन गए है। रेलवे लाइन, बाजार और कॉलोनियों में कई फीट पानी भर गया। टोंक में करीब एक दर्जन कच्चे मकान ढह गए। जिला प्रशासन बचाव राहत कार्यो में जुट गए है। जलसंसाधन विभाग के अनुसार शुक्रवार को सबसे ज्यादा टोंक के मालपुरा में 144 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा टोंक के अलीगढ़ में 122, उनियारा में 122, केकड़ी टोडारायसिंह में 126, करौली के महावीर जी में 117, करौली में 114, सवाई माधोपुर के चौथ के बरवाड़ा में 83, बूंदी के हिंडौली में 80, नैनवा में 79 और बारां के शाहबाद में 79 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार प्रतापगढ़ , झालावाड़, भीलवाड़ा, जयपुर, सीकर, कोटा, चित्तौड़गढ़, डबोक , बीकानेर, धौलपुर, टोंक, बारां, डूंगरपुर, संगरिया, जालौर, सिरोही, फतेहपुर, करौली और माउंट आबू में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में फलोदी शहर सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 40.8 और न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री दर्ज किया गया। फलौदी के अलावा बीकानेर का पारा भी40 पार रहा। फलौदी के साथ ही जोधपुर और बाड़मेर का रात का पारा 30 पार दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि परिसंचरण तंत्र दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश व आसपास के पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना हुआ है तथा सतह से 5.4 किमी तक विस्तृत है। मानसून ट्रफ लाइन बीकानेर, सीकर से होकर गुजर रही है। शुक्रवार को पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में मानसून सक्रिय रहने तथा जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर संभाग के अनेक भागों में बारिश होने तथा कहीं-कहीं अतिभारी बारिश दर्ज की गई। टोंक व आसपास के जिलों में एक दो स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश दर्ज की गई।
आज भी जारी रहेगा भारी बारिश का दौर
6 जुलाई को भी पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने व कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। 7-8 जुलाई को भारी बारिश की गतिविधियों में कमी होने तथा उत्तर-पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश दर्ज होने की संभावना है। इसके बाद 9-10 जुलाई से पुनः पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग में आगामी 2-3 दिन दोपहर बाद मेघगर्जन, आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। जोधपुर संभाग के पूर्वी व उत्तरी भागों में कहीं-कहीं बारिश की संभावना है।
जयपुर में एक घंटे में बरसा 18 मिमी पानी , सड़कों पर भरा पानी
जयपुर में शुक्रवार को जोरदार बारिश हुई। इससे सड़कों पर पानी भर गया, इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जयपुर में अलसुबह हल्की बारिश हुई। इसके बाद दोपहर एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू हो गया। करीब एक घंटे तक जोरदार बारिश का दौर चला। जयपुर में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई। जयपुर के माधोराजपुरा में 43 मिमी बारिश दर्ज गई।
बीसलपुर बांध पर 141 मिमी बारिश, एक दिन में आया 40 सेंटीमीटर पानी
शुक्रवार को बीसलपुर बांध कैचमेंट एरिए में 141 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे बीसलपुर बांध में पानी की आवक शुरू हो गई है। बांध में एक दिन में 40 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई। बीसलपुर बांध का जलस्तर बढ़कर 310.08 आरएलमीटर हो गया है। सुबह बीसलपुर बांध का जलस्तर 309.69 आरएलमीटर था। हालांकि त्रिवेणी नदी में पानी की आवक शुरू नहीं हुई है। बीसलपुर बांध से जयपुर, टोंक, अजमेर सहित कुछ अन्य जिलों को पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। इससे रोजाना बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर कम हो जाता था। बांध के कैचमेंट एरिए में बारिश का दौर देर रात तक जारी रहा।
जेकेके में हुआ लोक गीत संध्या का आयोजन
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से मधुरम के अंतर्गत शुक्रवार को लोक गीत संध्या का आयोजन किया गया। मालपुरा, टोंक से पधारे रामकुमार मालूणी व समूह के कलाकारों ने सुरीली आवाज और मधुर संगत के साथ मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी। श्रोताओं ने क्षेत्रीय बोली में मधुर गीतों का आनंद उठाया। यह प्रस्तुति मायड़ भाषा के लालित्य और लोक संस्कृति के सौंदर्य से सराबोर करने वाली रही।
सुहानी शाम में श्रोता लोक गीतों का लुत्फ उठाने के लिए केन्द्र के रंगायन सभागार में जुटे। ‘विघ्न हरण मंगल करण, गौरी नंद गणेश, रिद्धि सिद्धि सहित पधारिजो, म्हारा पूरा कीजो काम’, गणेश वंदना के साथ प्रथम पूज्य को नमन कर रामकुमार मालूणी ने प्रस्तुति की शुरुआत की। गुरु के चरणों में शीश नवाकर रामकुमार ने ‘गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़’ गीत में लोक देवता तेजाजी की महिमा का बखान किया।
‘अमृत है हरी नाम जगत में’ के बाद ‘कोनी पेरूली थारो चूड़ो रे राणा जी थारो देशड़लो रंग रूड़ो’ भजन से मीरा बाई की वाणी से सभी को रूबरू करवाया। ‘कंचन वन काया’ गाकर उन्होंने मानव जीवन की सच्चाइयों को जाहिर किया। मां की ममता गीत में उन्होंने ममतामयी मां के वात्सल्य का वर्णन किया तो ‘ओ धोरां आलो देश’ गाकर सभी को राजस्थान के रंगों से रंगा। तबले पर महेंद्र झा, ढोलक पर हेमंत भारती, की-बोर्ड पर विशाल भारती, ऑक्टोपैड पर अजय प्रजापति ने संगत की। पप्पू प्रजापति सह गायक रहे। गौरतलब है कि लोक गायक रामकुमार मालूणी मायड़ भाषा के भजनों से श्रोताओं के दिलों में जगह बनाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर उनके गीतों की लंबी फेहरिस्त है जिन्हें लाखों लोगों ने सुना है।
यह आयोजन केन्द्र द्वारा जुलाई माह में शुरू होने वाली श्रृंखला ‘जुलाई झनकार’ का हिस्सा है। जुलाई झनकार के दौरान मानसून को केंद्र में रखकर विभिन्न प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि केन्द्र लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। हाल ही में कबीर वाणी की प्रस्तुति के दौरान, इंदौर के राजमल मालवीय और जैसलमेर के महेशाराम मेघवाल समूह के कलाकारों ने संत कबीर की वाणी को अपने गीतों में पिरोकर सभी के सामने रखा।