जवाहर कला केंद्र: समंदर खान मांगणियार ने गाया ‘छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नैना मिलाई के’

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Samandar Khan Manganiyar sang 'Chhap Tilak Sab Chheeni Re Tose Naina Milai Ke'
Samandar Khan Manganiyar sang 'Chhap Tilak Sab Chheeni Re Tose Naina Milai Ke'

जयपुर। जवाहर कला केंद्र, जयपुर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय ‘म्यूज़िकल सिम्फनी’ कार्यक्रम का सोमवार को दूसरा दिन रहा, जहां लोक कलाकार समंदर खान मांगणियार व उनके समूह ने रंगायन सभागार में सूफी और लोक संगीत की सुरीली प्रस्तुतियों से माहौल को आत्मिक बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत समंदर खान ने “रुनुक झुनुक आओ नी गजानन” गणपति वंदना से की, जिसके साथ ही संगीतमय शाम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद उन्होंने “मां तोरी माया ना जाने कोए” जैसे भजनों से वातावरण को भक्तिमय कर दिया। आगे “श्री राधा रानी दे डारो बंसी मोरी” भजन के माध्यम से उन्होंने श्री राधा और मीरा के संवाद को जीवंत किया, जबकि “सावन रो हिण्डो बांधन जाऊं” और “मीठो मीठो बोल पपीहा बोले रे” जैसे लोक गीतों से राजस्थान की सांगीतिक परंपरा की छटा बिखेरी।

राजस्थानी लोक गीतों के बाद कलाकारों ने सूफी संगीत की प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया। समंदर खान ने “मन कुन्तो मौला” और “कलंदर लाल, मस्त मस्त कलंदर” गीतों से माहौल को रुमानियत से सराबोर कर दिया। इसके बाद “हैदर अली उसकी बला टली” गीत प्रस्तुत किया गया और आखिर में “छाप तिलक सब छीनी रे” और “दमा दम मस्त कलंदर” के साथ शाम का समापन हुआ।

प्रस्तुति के दौरान वोकल पर सावन खान और बरकत खान, खड़ताल पर साकर खान, हारमोनियम पर स्वरूप खान, ढोलक पर निहाल खान और बशील खान, कमायचा पर धरा खान, सारंगी पर इकलास खान, तथा की-बोर्ड पर महेंद्र डांगी ने संगत की।

इस कार्यक्रम में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक सुश्री प्रियंका राठौड़ भी मौजूद रही।

4 नवम्बर को शाम 6 बजे रंगायन में देश के विभिन्न राज्यों से आए दृष्टिबाधित कलाकारों की ओर से बैंड प्रस्तुति दी जाएगी। इसमें गुजरात, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश से आए 10 कलाकारों का ग्रुप संगीत के माध्यम से समरसता और उत्साह का संदेश देगा।

गौरतलब है कि समंदर खान मांगणियार राजस्थान के प्रख्यात लोक एवं सूफी गायक हैं जिन्हें हाल ही में कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है। उन्हें राजस्थान सिनेमा विकास संघ द्वारा ‘उस्ताद भूंगर खान स्मृति पुरस्कार 2025’, ग्रीन मेपल फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा ‘ऐस जीएमएफ लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2025’, ‘संगीत रत्न’ और ‘लिजेंडरी सिंगर अवॉर्ड 2025’ से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2023 में स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ़ लिऑन ने भी उन्हें उनके लोकसंगीत में योगदान के लिए सम्मानित किया था।

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