बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और बसंत पंचमी इस ऋतू के आगमन की सूचक होती है| ऐसा लगता है मानो पूरी सृष्टि ने पीला परिधान धारण कर लिया है| एक बार अर्जुन ने भगवान् कृष्ण से पूछा की में आपको किन भावों में देखू, भगवान् ने कहा “ जीवन जहां उत्सव मनाता हो, जहा बसंत के जैसा जीवन खिलता हो जहा सब बीज अंकुरित होकर फूल बन जाते हैं, उस उत्सव में ,उस बसंत में, मै ही हूँ।” इसी बसंत उत्सव में जगतपुरा जयपुर का श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर भी रंग गया है जहा पर आज कृष्ण बलराम का विशेष श्रृंगार हुआ है।
श्री श्री कृष्ण बलराम भी बसंत ऋतू में रंग गए हैं और आज बसंत पंचमी में उन्होंने विशेष पीली पौशाक धारण की है। मंदिर को पीले फूलों के विशेष अलंकार से सजाया गया है और फूल बंगला झांकी सजाई गई है। मंदिर में श्री पुंडरिक विद्यानिधि, श्री रघुनंदन ठाकुर, और श्री रघुनाथ दास गोस्वामी, श्री विष्णुप्रिया देवी के आविर्भाव दिवस और श्री विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर के तिरोभाव दिवस पर विशेष अनुष्ठान भी किया गया है। बसंत पंचमी के विशेष अवसर सुबह से ही भक्तों का ताँता लगा हुआ था ,सभी भक्तों ने भगवान् के दिव्य दर्शन का लाभ उठाया और दिव्य अनुष्ठान में भाग लिया उन्होंने वैष्णव संतों के जीवन और उनकी शिक्षाओं के बारे में गहन चर्चा भी की।
बसंत पंचमी के सुअवसर पर श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमे भक्तों ने भाव विभोर होकर भगवान् का गुणगान करते हुए नृत्य किया| मंदिर के अध्यक्ष श्री अमितासन दास ने सभी भक्तों को बसंत पंचमी के सुअवसर की हार्दिक शुभकामनायें दीं| उन्होंने जानकारी दी की पुराणों के अनुसार भगवान् श्रीकृष्ण ने सरस्वती से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था की बसंत पंचमी के दिन उनकी पूजा की जायेगी| इस कारण हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और इस दिन को शुभ, समृधि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।