जयपुर। निवारू रोड झोटवाड़ा के शक्तिनगर में शुक्रवार को कलशयात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। शक्तेश्वर महादेव मंदिर से गाजेबाजे के साथ निकली शोभायात्रा को हाथोज धाम के स्वामी बालमुकुंदाचार्य (हवामहल विधायक) ने पूजा-अर्चना कर रवाना किया। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर मंगल कलश लेकर चल हरी थीं, वहीं पुरुष यजमान के रूप में भागवत पोथी रखकर चल रहे थे। विभिन्न मार्गों से होते हुए कलश यात्रा आयोजन स्थल पहुंची।
यहां मनोज खंडेलवाल, अनिल खंडेलवाल, राजू खंडेलवाल, अमित शर्मा, उपेन्द्र शर्मा एवं अन्य ने व्यासपीठ का पूजन कर आरती उतारी। व्यासपीठ से वंृदावन धाम के सुधीर कृष्ण उपाध्याय महाराज ने दोपहर ढाई से शाम साढ़े छह बजे तक कथा श्रवण कराया। उन्होंने प्रथम दिवस भागवत कथा के महात्म्य के साथ धुंधकारी मोक्ष की कथा का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि भागवत भगवान का वाड्ंगमय स्वरूप है। यदि तराजू के एक पलड़े में भागवत जी और दूसरे पलड़े में सभी गं्रथों को रख दिया जाए तो भागवत वाला पलड़ा ही भारी रहेगा।
जिस प्रकार फूलों का सार शहद, दूध का सार घी है उसी प्रकार समस्त धार्मिक ग्रंथों का सार भागवत है। भागवत जी को तन्मयतापूर्वक श्रवण करना चाहिए। प्रचंड गर्मी को देखते हुए श्रोताओं के लिए कथा पांडाल को ठंडा रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम होने से गर्मी का जरा भी अहसास नहीं हुआ।
शनिवार, 24 मई को परीक्षित और शुकदेव आगमन और हिरण्यकश्यप उद्धार की कथा होगी। कथा 29 मई तक प्रतिदिन दोपहर ढाई से शाम साढ़े छह बजे तक होगी।
आगे इन प्रसंगों पर होगी कथा:
25 को कपिल देव आगमन, धु्रव, प्रहलाद चरित्र की कथा होगी। सुबह साढ़े आठ बजे से संगीतमय सुंदरकांड पाठ होगा। सोमवार 26 मई को गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन, बालि-वामन चरित्र, श्रीराम कथा के बाद नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
27 मई को श्री कृष्ण की बाल लीलाएं और गोवर्धन पूजा का प्रसंग होगा। छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। 28 मई को महारास एवं कृष्ण-रुक्मणि विवाह की कथा होगी। गुरुवार 29 मई को सुदामा चरित्र, 24 गुरुओं की कथा, परीक्षित मोक्ष प्रसंग के साथ कथा का विश्राम होगा।