जयपुर। शिप्रापथ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राह चलते लोगों से चेन स्नेचिंग की वारदात करने वाली गैंग के मुख्य सरगना सहित उसके एक साथी को पकडा है। साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटी गई चेन सहित वारदात में प्रयुक्त चोरी की बाइक भी जब्त की है।
आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने से पहले अपनी पहचान छुपाने के लिये पावर बाइक चुराई और फिर वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस टीम ने जयपुर शहर में 10 किलोमीटर तक की दूरी में लगातार सात दिन तक 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर वारदात का करने वालों को चिन्हित कर पकड़ा है। पुलिस की प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि गिरफ्तार मुख्य सरगना आदतन अपराधी है जिसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट,चैन स्नेचिंग चोरी/नकबजनी के कई प्रकरण जयपुर शहर व दिल्ली में अलग अलग थानों में दर्ज है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगन्त आनन्द ने बताया कि शिप्रापथ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राह चलते लोगों से चेन स्नेचिंग की वारदात करने वाली गैंग के मुख्य सरगना उम्मेद सिंह उर्फ बंटी (35) निवासी चौमू जयपुर हाल मुहाना जयपुर और उसके साथी बुद्धि प्रकाश उर्फ राजेश (26) निवासी पचेवर जिला टोंक हाल मुहाना जयपुर को गिरफ्तार किया है।
थानाधिकारी राजेन्द्र गोदारा ने बताया कि आरोपित उम्मेद सिंह उर्फ बंटी आठ साल से हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में बन्द था। जिसमें उसकी एक माह पहले ही जमानत हुई है। उसके बाद वह किसी को बिना बताये अनजान जगह पर कमरा किराये पर लेकर रहने लग गया और पैसे की तंगी के कारण उसने बद्धी प्रकाश के साथ में मिलकर पहले तो वारदात करने के लिये एक पावर बाईक सांगानेर से चोरी की।
इसके बाद बाईक को सुनसान जगह पर जाकर खड़ी कर दी। इसके बाद उसी बाईक से पैदल चल रही महिला या राहगीरों का पीछा कर चैन तोडकर बाइक से गलियो से होते हये मुहाना मंडी की तरफ निकल जाते है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी हत्या,हत्या का प्रयास,मारपीट चोरी, चेन स्नेचिंग की कई वारदात करना कबूला है जिनमें कई बार जेल जा चुका है। आरोपित सुबह जल्दी घर से निकलते है और कॉलोनियों, गलियो व पार्कों के आस पास में घूमते रहते है।
अकेली महिला को देखकर चेन स्नेचिंग-मोबाईल स्नेचिंग की वारदात को अंजाम देकर गलियो से होते हुए निकल जाते है। आरोपी पुलिस को गुमराह करने के लिये वारदात के समय हेलमेट लगाकर रखते है,जिससे वारदात के बाद पुलिस टीम को गुमराह रखने के लिये कंपनियों में घंटों तक चक्कर लगाते रहते है। ताकि सीसीटीवी फुटेज से रूट तय नहीं किया जा सके। जिससे पहचान नहीं हो सके। इसके अलावा आरोपी वारदात में बिना नम्बर व चोरी के वाहन का उपयोग करते है। पुलिस पूछताछ में और भी कई वारदातें खुलने की आशंका जताई जा रही है।