जयपुर। श्रीमाताजी निर्मला देवी सहजयोग ट्रस्ट के राजस्थान सहजयोग केंद्र, जयपुर के तत्वावधान में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दीपावली पूजा व सामूहिक विवाह समारोह का शुभारंभ हुआ। अब तक 50 जोड़ों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यह आयोजन हाउसिंग बोर्ड ग्राउंड, महर्षि अरविंद इंस्टिट्यूट के सामने, वीटी रोड, मानसरोवर स्थित सहजयोग स्थल पर शुरू हुआ।
राष्ट्रीय सहजयोग ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन कैप्टन एस.एम.भल्ला ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना और गणेश अथर्वशीर्ष के उच्चारण के साथ हवन प्रारम्भ हुआ। इस हवन में विश्व शांति, मानवता के कल्याण, पर्यावरण की शुद्धि और सामाजिक बुराइयों के निवारण हेतु 108 आहुतियां दी गईं। इसके अलावा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, जातिवाद, आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता, नशीले पदार्थों का सेवन एवं बच्चियों व महिलाओं की पवित्रता को नष्ट करने वाली सभी नकारात्मक प्रवृत्तियों के अंत एवं भारत देश को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक व भौगोलिक रूप से अस्थिर करने वाली आंतरिक एवं बाहरी ताकतों आदि समस्याओं को भी हवन कुंड में स्वाहा की आहुतियां दी गई। जिससे कि मानवीय मूल्यों को विश्व में पुनर्स्थापित कर सकें। इस हवन में उपस्थित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय साधकों द्वारा भाग लेने से आपसी प्रेम और भाईचारा में एक नई चेतना जागृत हुई।
राष्ट्रीय सहजयोग के पूर्व ट्रस्टी एवं संयोजक श्रीचंद चौधरी ने बताया कि राजस्थान के लिए यह गर्व का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय सामूहिक विवाह सम्मेलन व दीपावली पूजा का आयोजन दसवीं बार जयपुर में हो रहा है। देश-विदेश से लगभग पाँच हजार से भी अधिक सहजययोगी साधक इसमें भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रीय सहजयोग ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं सचिव रमेश गुप्ता ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी साधकों के लिए ठहरने, भोजन, स्नान आदि की समुचित व्यवस्था स्थल पर ही की गई है। विशाल वॉटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं।में अस्थायी स्नानघर, शौचालय और विशाल भोजनशाला बनाई गई है, जहाँ एक साथ पांच हजार लोग भोजन कर सकेंगे।
राष्ट्रीय सहजयोग ट्रस्ट की प्रचार प्रसार कमेटी के सदस्य लक्ष्मण प्रसाद सिंघल ने बताया कि सहजयोग विवाह के लिए आवेदन तभी स्वीकार किए जाते हैं, जब कोई साधक कम से कम 3 वर्ष नियमित रूप से सहजयोग का अभ्यास कर चुका हो। विवाह आवेदन पत्र जिला समन्वयक के माध्यम से स्टेट कोऑर्डिनेटर की अनुशंसा के पश्चात ही,भेजे गए आवेदनों पर राष्ट्रीय विवाह समिति चैतन्य के आधार पर योग्य जोड़ों का चयन करती है, और काउंसलिंग के बाद विवाह सुनिश्चित किया जाता है।
राजस्थान सहजयोग केंद्र के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. मोहकम सिंह ने बताया कि शुक्रवार, 24 अक्टूबर की शाम 7:30 बजे वर वधुओं की मेहंदी एवं भजनों के रंगा रंग कार्यक्रम होंगे। शनिवार 25 अक्टूबर प्रात:कालीन ध्यान के पश्चात प्रातः 8:00 बज विवाह हेतु चयनित जोड़ों का हल्दी कार्यक्रम होगा। शाम 5:30 बजे दूल्हों द्वारा गणेश पूजन और दुल्हनों द्वारा गौरी पूजन होगा । सायं 6:30 बजे सहज स्थल परिसर में बारात निकलेगी।
जहां सहजयोगी पंडितों द्वारा विधि-विधान एवं रीति-रिवाज से पाणिग्रहण संस्कार संपन्न होगा। डॉ. सिंह ने बताया कि सहजयोगियों एवं नवविवाहित वर वधुओं द्वारा रविवार 26 अक्टूबर को 5:00 बजे सहजयोग विधि-विधान से महालक्ष्मी पूजा संपन्न होगी।
डॉ. सिंह ने कहा कि सहजयोग केवल एक आध्यात्मिक साधना नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और चरित्र निर्माण की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन है। श्रीमाताजी निर्मला देवी द्वारा प्रदत्त सहजयोग विधि से विश्वभर में आत्म साक्षात्कार और सामूहिक चेतना के माध्यम से प्रेम, शांति और भाईचारे का प्रसार हो रहा है।




















