जयपुर। आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में (गुरुवार चंद्र दर्शन) से पवित्र कार्तिक माह का प्रारंभ श्री मद भागवत गीता, कार्तिक महात्यम की कथा एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब के पाठों के शुभारंभ के साथ हुआ। प्रातः काल की मधुर वेला में प्रातः नित्य नियम प्रार्थना , संत महात्माओं द्वारा भजन संकीर्तन तत्पश्चात् हाजरा हजूर सतगुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज की ओजस्वी वाणी में सत्संग का श्रवण हुआ। अपनी ओजस्वी वाणी में गुरु महाराज जी ने बताया कि न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम्।
न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगा समम्। अर्थात- कार्तिक के समान दूसरा कोई पवित्र मास नहीं, सत्ययुग के समान कोई युग नही, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं। संत श्री मोनूराम जी महाराज ने बताया कि कार्तिक माह में नाम जप, स्नान, दान का विशेष महत्व है। शुक्रवार से 5 नवंबर तक प्रतिदिन प्रातः 6 -7 बजे तक प्रभात फेरी (हरि नाम संकीर्तन) तत्पश्चात नित्य नियम प्रार्थना, कार्तिक महात्यम की कथा, भजन सत्संग का आयोजन होगा।




















